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पहले भौतिकी के अंतर्गत ऊष्मा, प्रकाश, ध्वनि, विद्युत् तथा चुंबकत्व जैसे विषयों का ही अध्ययन-अध्यापन होता रहा है; किंतु बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में खगोलिकी, इलेक्ट्रानिकी एवं अब नैनो टेकोलॉजी जैसे नए-नए विषयों पर बल दिया जाने लगा है। फलस्वरूप भौतिकी के एक ऐसे कोश की आवश्यकता अनुभव की जाती रही थी, जिसमें समग्र भौतिकी का समावेश हो।
'नूतन भौतिकी कोश' ऐसा ही कोश है, जिसमें भौतिकी के पारिभाषिक शब्दों की सरल, सुस्पष्ट एवं प्रामाणिक परिभाषाएँ दी गई हैं।
इस कोश की विशेषता है स्थान-स्थान पर चित्रों तथा आरेखों का समावेश।
विश्वास है, यह कोश विज्ञान के छात्रों एवं अध्यापकों के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगा।
डॉ. शिवगोपाल मिश्र ( जन्म : सन् 1931) विज्ञान-जगत् के ख्याति -प्राप्त लेखक हैं । आपने इलाहबाद विश्वविद्यालय से एम.एस-सी. ( कृषि रसायन) तथा डी. फिल्. की उपाधियाँ प्राप्त करने के बाद इसी विश्वविद्यालय में 1956 से 1991 तक क्रमश: लेक्चरर, रीडर, प्रोफेसर और निदेशक पदों पर अध्यापन और शोधकार्य का निर्देशन किया । सूक्ष्म मात्रिक तत्त्व, फास्फेट, पादप रसायन, अम्लीय प्रदूषण, जैव उर्वरक, भारतीय कृषि का विकास, ऊर्जा, जीवनोपयोगी सूक्ष्म मात्रिक तत्त्व नामक पुस्तकों का प्रणयन आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धि है । आपकी कई पुस्तकें पुरस्कृत भी हो चुकी हैं । आपने मृदा प्रदूषण, वायु प्रदूषण तथा जल प्रदूषण के विषय में अनेकानेक शोधपरक निबंध प्रकाशित किए हैं । प्रारंभ से ही हिंदी में रुचि होने के कारण 1952 से आप विज्ञान परिषद् प्रयाग से संबद्ध रहे हैं । आपने कई वर्षों तक मासिक पत्रिका ' विज्ञान ' का संपादन किया है । आपने ' भारत की संपदा ' का -संपादन तथा ' रसायन विज्ञान कोश ' का लेखन किया है ।
आपकी हिंदी सेवाओं के लिए 1993 में आपको ' डॉ. आत्माराम पुरस्कार ' से सम्मानित किया गया । विज्ञान परिषद् तथा इंडियन सोसाइटी ऑफ सॉयल साइंस के आप आजीवन सदस्य हैं ।