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Nyayapalika : Dasha evam Disha   

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Author Justice Rajendra Prasad
Features
  • ISBN : 9789353225001
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Justice Rajendra Prasad
  • 9789353225001
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2019
  • 216
  • Hard Cover

Description

भारतीय परंपरा कहती है कि कौन व्यक्ति दंडनीय है, कौन नहीं है, इसी का निर्धारण करना न्याय है। न्याय नहीं होने पर दंड का विभ्रम होता है, जिससे सभी लोग दूषित हो जाते हैं, सारी मर्यादाएँ टूट जाती हैं। सभी लोगों के बीच उपद्रव आरंभ हो जाते हैं। 
लेखक की मान्यता है कि जब तक जिला, राज्य एवं देश स्तर के तीनों न्यायालयों को स्वतंत्र नहीं किया जाता है, तब तक आम जनता न्याय पाने से वंचित रह जाती है, क्योंकि जिला स्तर पर जो दंडनीय घोषित किया जाता है, वह राज्य स्तर के उच्च न्यायालय में अपील करता है, जहाँ सारी प्रक्रिया पुनः आरंभ होती है और न्याय में विलंब होता है। वहाँ भी यदि वह दंडनीय घोषित हो जाता है तो अपने बचाव के लिए उच्चतम न्यायालय में चला जाता है। फिर वहाँ न्याय में विलंब होता है। इस विलंब के कारण अपराध के साक्ष्य मिट जाते हैं, और इतिहास मात्र बच जाता है। हो सकता है कि तब तक अपराधी या अपराध के कारण प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाए और न्याय व्यर्थ हो जाए। न्याय में विलंब के कारण होनेवाली क्षति के अनेक उदाहरणों को प्रस्तुत कर लेखक ने इस सिद्धांत को स्थापित किया है कि जिला स्तर के न्यायालय को स्वतंत्रता मिले और उसका निर्णय अंतिम हो, जिससे प्रभावित व्यक्ति को त्वरित न्याय मिल सके। त्वरित न्याय से अपराध की प्रवृत्ति में अवश्य कमी आएगी। 
यह पुस्तक आम लोगों के साथ-साथ विधिशास्त्र के छात्रों के लिए भी पठनीय है, जिससे वे प्राकृतिक एवं त्वरित न्याय को समझ सकें और अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकें।

The Author

Justice Rajendra Prasad

न्यायमूर्ति राजेन्द्र प्रसाद (अ.प्रा. न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय)
जन्म : 1 जनवरी, 1944 को बेगूसराय (बिहार) के ग्राम एवं डाकघर-शालिग्रामी, साहेबपुर कमाल में।
शिक्षा : बी.ए.बी.एल., भागलपुर विश्वविद्यालय, 1966
धारित पद : बिहार न्यायिक सेवा के अंतर्गत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विधि परामर्शी-सह-विधि सचिव, बिहार सरकार के रूप में सेवा।
तत्पश्चात् न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय के रूप में कार्य करने का अनुभव।
सन् 2008 से 2013 तक बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य रहे।
तत्पश्चात् 2013-2016 तक बगहा पुलिस गोली कांड के न्यायिक जाँच आयोग के अध्यक्ष रहे।
बिहार न्यायिक सेवा संघ (BJSA) के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में संरक्षक (Petron)।
वर्तमान में अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ (AIJA) के अध्यक्ष।
संपर्क : ‘शिवालय’, सांईचक, डाकघर, अनीसाबाद, पटना-2
मो. : 9431024779

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