₹250
ओलिवर को जन्म देते ही उसकी माँ चल बसी और उसे एक अनाथालय में भेज दिया गया, जहाँ उसके साथ ज्यादतियाँ होती थीं। भर पेट खाना भी नहीं मिलता था। एक दिन वह अनाथालय से भाग निकला। लंदन की सड़कों पर भटकते हुए उसे जेक डॉवकिंस मिला। वह उसे लच्छेदार बातों में फँसाकर फेगिन के घर ले गया, जहाँ उसे रहनेखाने का ठिकाना मिल गया। लेकिन बाद में उसे पता चला कि फेगिन के सारे लड़के चोर और जेबकतरे थे। ओलिवर को भी चोरी के इलजाम में पुलिस धर ले गई। वह किसी तरह वहाँ से बचा तो फेगिन के लोग उसे फिर उसके ठिकाने पर उठा ले गए और जबरदस्ती चोरी के काम में ढकेल दिया।
एक दिन ओलिवर बंदूक लेकर बिल सिवेज के घर में घुसा, लेकिन वह कुछ करता, उसके पहले ही घर के नौकरों ने गोली चला दी। ओलिवर घायल हो गया। उसे मिसेज माइली और उनकी भानजी रोज ने सहारा दिया। उसके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। लेकिन फेगिन के लोग अब भी ओलिवर के पीछे लगे थे। एक दिन वे उसे ढूँढ़ लेते हैं और तब खुलता है, ओलिवर के जनम से जुड़ा गहरा राज।
प्रस्तुत है ओलिवर ट्विस्ट का सचमुच ट्विस्टदार (चक्करदार) मनोरंजक संक्षिप्त उपन्यास।
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अनुक्रम
दो शब्द — Pgs. 7
मैं भी कुछ कहूँ — Pgs. 9
अनुवादकीय — Pgs. 11
1. ओलिवर ट्विस्ट ‘श्रीमान मुझे और चाहिए’ — Pgs. 15
2. ओलिवर भाग जाता है — Pgs. 21
3. ओलिवर आर्टफुल डोजर से मिलता है — Pgs. 28
4. ओलिवर फेगिन का चेला बना — Pgs. 34
5. ओलिवर को घर मिल गया — Pgs. 44
6. ओलिवर कहाँ है? — Pgs. 50
7. ओलिवर का स्वागत — Pgs. 56
8. षड्यंत्र रचा गया — Pgs. 60
9. ओलिवर को पुनः घर मिल गया — Pgs. 68
10. फेगिन की निराशा, मौंक का प्रवेश — Pgs. 71
11. प्रसन्न दिन — Pgs. 79
12. ओलिवर को मिस्टर ब्राउनलो की तलाश — Pgs. 83
13. मिस्टर बंबल से एक अभ्यागत की भेंट — Pgs. 86
14. नैंसी रोज मेली को मिली — Pgs. 91
15. मिस्टर ब्राउनलो की वापसी — Pgs. 98
16. चार्ली बेट्स द्वारा नैंसी का पीछा — Pgs. 104
17. बिल साइक्स भाग जाता है — Pgs. 109
18. मिस्टर ब्राउनलो की मौंक्स से भेंट — Pgs. 112
19. बिल साइक्स का भयानक अंत — Pgs. 116
20. कहानी का सुखद अंत — Pgs. 120
चार्ल्स डिकेंस का जन्म
7 फरवरी, 1812 को हुआ था। वे विक्टोरियन युग के सबसे लोकप्रिय अंग्रेजी उपन्यासकार थे, साथ ही एक सशक्त सामाजिक आंदोलन के सदस्य भी। चार्ल्स डिकेंस की लोकप्रियता इसी तथ्य से आँकी जा सकती है कि उनके उपन्यास और लघुकथाएँ कभी ‘आउट ऑफ प्रिंट’ नहीं हुईं। चार्ल्स के दर्जन भर प्रमुख उपन्यास, लघुकथाएँ और अनेकों नाटक आज भी सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में ‘बौज के स्कैच’, ‘पिकविक पेपर्स’, ‘ऑलिवर ट्विस्ट’, ‘निकोलस निकिलबी’, ‘डेविड कॉपरफील्ड’, ‘ग्रेट ऐक्सपेक्टेशंस’, ‘दो नगरों की कथा’ आदि प्रमुख हैं।
डिकेंस ने सैकड़ों अमर पात्रों की सृष्टि की, जो जनता की स्मृति में आज तक सुरक्षित हैं। वे कहानी कहने में दक्ष थे, किंतु मनोरंजन के साथ उन्होंने अपने पाठक संसार का सांस्कृतिक और नैतिक धरातल भी ऊँचा किया।