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श्री अशोक ‘अंजुम’ की पहचान एक गजलकार, दोहाकार, हास्य-व्यंग्य कवि के रूप में भले ही अधिक पुख्ता हो, लेकिन एक नाटककार के रूप में जब वे हमारे सामने आते हैं तो नाटक विधा पर उनकी पकड़ का लोहा मानना पड़ता है। प्रस्तुत पुस्तक ‘ओम् फट् फट्टाक’ सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए बेहद पठनीय, अत्यंत रोचक नाटकों का संग्रह है। इन नाटकों के माध्यम से लेखक ने समाज की विभिन्न समस्याओं को हास्य-व्यंग्य का जामा पहनाते हुए बड़े सलीके से उकेरा है। पुस्तक के अधिकांश नाटकों का कई-कई बार प्रदर्शन हो चुका है और इन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार व सराहना भी मिली है।
विश्वास है कि ये नाटक पाठकों का भरपूर मनोरंजन तो करेंगे ही, साथ ही सामाजिक सरोकारों व अपने दायित्वों के प्रति सचेत भी करेंगे।
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अनुक्रम
रंगकर्म और में... 7
एकांकी
1. बूढ़ी हँसी — Pg. 15
2. पॉलिथिन हाय-हाय! — Pg. 19
नाटक
1. यमराज ऑन अर्थ — Pg. 25
2. तमाशा — Pg. 31
3. दो वर बनाम गैस का सिलेंडर — Pg. 37
4. ठीक है बापू! — Pg. 41
5. काहे की तकरार — Pg. 50
6. पढ़ना है — Pg. 57
7. ओम् फट् फट्टाक् — Pg. 66
8. ईमानदारी का अपहरण — Pg. 77
9. करप्शन सम्राट् — Pg. 87
10. पी.टी.एम. — Pg. 96
11. नहीं चाहिए! — Pg. 100
12. संटूजी कहिन — Pg. 113
13. चंपकलाल—बॉडी पार्ट सप्लायर — Pg. 118
14. अजब अदालत : गजब मुकदमा — Pg. 129
15. शपथ — Pg. 137
16. बाबा गिरगिटानंद का योग — Pg. 142
17. भ्रष्टाचार-माहात्म्य — Pg. 148
18. हम हैं युवा — Pg. 157