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ऑपरेशन ब्लू स्टार संसार की अत्यंत विवादग्रस्त एवं चर्चा का ज्वलंत विषय बननेवाली सैन्य काररवाइयों में से एक है, जो निश्चित ही समकालीन भारतीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ समझी जाएगी।
यह पुस्तक उस सैन्यअधिकारी की ओर से प्रस्तुत किया गया विवरण है, जिसने इस काररवाई का नेतृत्व किया था। इसमें दिल को छूनेवाले, मर्मांतक, छोटे-छोटे अनेक सूक्ष्म विवरण पेश किए गए हैं। इस पुस्तक में कुछ भी छिपाया नहीं गया है, न उन नाकामयाबियों के बारे में, जिनका सेना को मुँह देखना पड़ा; न सेना की कमियों को; न उन अतिवादियों की शिद्दत तथा दृढता, जिन्हें बाहर निकालने का काम सेना को सौंपा गया था।
अनेक काल्पनिक कहानियों, आलोचनाओं तथा अर्ध-सच्चाइयों का जोरदार खंडन करते हुए इसमें हिम्मत से बहुत सारे ऐसे सवालों के जवाब दिए गए हैं, जो सिर्फ सिखों को ही नहीं, सारे भारतीयों को परेशान करते हैं।
लेखक—जो काररवाई को योजनाबद्ध करने तथा इसे व्यावहारिक रूप देने के प्रत्येक पड़ाव पर इसमें शामिल रहा—शायद यही एक ऐसा व्यक्ति है, जो सचमुच यह जानता है कि 5 जून, 1984 की अनहोनी भरी रात को ठीक-ठीक क्या घटा। यही इस पुस्तक में वर्णित है। संपूर्ण सच, सच्चाई के अलावा और कुछ भी नहीं।
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अनुक्रम
आरंभिक शब्द — Pgs. 7
1. भूमिका — Pgs. 13
2. पंजाब में उलझे ताने-बाने की पृष्ठभूमि — Pgs. 20
3. भिंडरावाला का चकाचौंध करता
व्यक्तित्व तथा बढ़ता प्रभाव — Pgs. 26
4. योजनाओं का रेखांकन — Pgs. 42
5. अमृतसर पर अग्नि-वर्षा — Pgs. 83
6. तूफान के पश्चात् — Pgs. 137
7. कल्पित कहानियों की सच्चाई का सामने आना — Pgs. 147
8. अवलोकन — Pgs. 163
9. तीस वर्ष के पश्चात् — Pgs. 175
10. अंतिका — Pgs. 182
लेफ्टिनेंट जनरल के.एस. बराड़, पी.वी.एस.एम., वी.आर.सी., ए.डी.सी. का जन्म 1934 में तत्कालीन अविभाजित भारत के लाहौर में हुआ था। इन्होंने देहरादून के दून स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। अपने कीर्ति भरे सैन्य जीवन के दौरान वे भारतीय सेना में कई प्रतिष्ठित कमांडर, स्टाफ तथा शैक्षणिक संबंधी उच्च पदों पर रहे। उन्होंने एक स्वाधीन बख्तरबंद बिग्रेड, एक इन्फैंट्री डिवीजन तथा एक कोर की कमान सँभाली। वे वेल्गिंटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के कमांडेंट के महत्त्वपूर्ण पद पर भी रहे। वे 30 सितंबर, 1992 को पूर्वी कमांड (भारत) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद से सेवामुक्त हुए। उन्होंने ऑस्टे्रलियन स्टाफ कॉलेज के स्नातक तथा यूनाइटेड स्टेट्स वार कॉलेज के विद्यार्थी के रूप में बहादुरी तथा असाधारण उच्च दरजे की विलक्षण सेवा के कई पुरस्कार प्राप्त किए। उनका युद्ध संबंधी विशाल तथा बहुआयामी अनुभव समूचे भारतीय मंच की उन कई बड़ी घटनाओं तक फैला हुआ है, जिनसे भारतीय सेना को जूझना पड़ा।