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अर्जुन एक होनहार लड़का है, जो सेना में जाने के सपने देखता है। लेकिन आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा में अचानक ही मिली सफलता उसे दुविधा में डाल देती है। हमेशा साथ निभानेवाला उसका परिवार उसे इस उलझन से निकालता है और उसके सपनों को पूरा करने में मदद करता है।
नेशनल डिफेंस एकेडमी में उसकी दोस्ती तीन अन्य प्रशिक्षुओं से होती है और ये दोस्ती जीवन भर के लिए हो जाती है। आखिरकार, उसे भारतीय सेना की सबसे गुप्त और घातक टीम ‘टीम-ए’ का हिस्सा बनने का मौका दिया जाता है।
अर्जुन अपना जीवन देश के प्रति समर्पित कर देता है और कई प्राणघातक अभियानों को पूरा करता है। लेकिन एक खतरनाक आतंकवादी हमला अर्जुन को उन सारी बातों पर सवाल करने के लिए मजबूर कर देता है, जिन्हें उसने सीखा और जिन्हें वह पसंद करता था। अपने देशवासियों के कदमों से उसे घोर निराशा होती है और वह अपना वतन छोड़ने का फैसला करता है।
लेकिन इससे पहले कि वह अपना सामान बाँधता और देश को अलविदा कहता, 200 से अधिक यात्रियों वाले एक विमान को एक अज्ञात गिरोह हाईजैक कर लेता है। सिर्फ वही उन्हें बचा सकता है। पर क्या कड़वाहट से भर चुका अर्जुन अपनी और अपनी टीम के लोगों की जान एक बार फिर जोखिम में डालेगा?
भारतीय सेना के जाँबाज वीरों के पराक्रम, समर्पण और राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत प्रेरणाप्रद पठनीय पुस्तक।
सुशांत सैनीसुशांत सैनी पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। लेकिन जैसे ही शाम गहराती है, उनके भीतर का लेखक जाग उठता है। नोएडा स्थित रियान स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद सुशांत ने गोरखपुर के एम.एम.एम. इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक. किया। मुंबई में तीन साल रहने के बाद वह अमेरिका चले गए। पिछले एक दशक से वह वर्जीनिया में अपनी पत्नी रश्मि और दो जुड़वाँ बेटियों माया एवं मीरा के साथ रह रहे हैं। उन्हें परिवार और मित्रों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। यात्राओं पर यूँ ही निकल पड़ना उन्हें पसंद है और इस यायावरी में न्यूयॉर्क व मुंबई उन्हें सबसे ज्यादा लुभाते हैं। सुशांत को क्रिकेट, फुटबॉल और ड्राइविंग का बहुत शौक है। परिवार के साथ ही दोस्त उनकी जिंदगी का बहुत महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। निरंतर लिखने की उनकी इच्छा बलवती और प्रबल है।