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इस संग्रह में सम्मिलित रचनाओं में मानव जीवन के विविध पक्ष आए हैं। यद्यपि अधिकांश रचनाओं में प्रेम जैसे उदात्त और सार्वभौमिक भाव के ही अन्यान्य पक्ष व रूप प्रमुखता से उभरे हैं, तथापि बहुत से अन्य सामान्य भावों और परिस्थितियों का निरूपण करती रचनाएँ भी सम्मिलित हैं।
वस्तुतः अपने शीर्षक के अनुरूप जीवन में आनेवाली स्वाभाविक परिस्थितियों और मनोभावों की ‘परछाइयाँ’ ही इस संग्रह की प्रमुख विषय-वस्तु हैं।
कहा जाता है कि रूप और सौंदर्य देखनेवाले की आँखों में होता है एवं देखनेवाले के पास यदि शब्द-शिल्प भी है तो यह शब्दों में उतर आता है, किंतु जब इस शिल्प को वह रूप और सौंदर्य का सागर स्वयं देखे तथा अब शांत हो चुके उस सागर में भी भावनाओं का ज्वार आ जाए तो कविताओं में प्रयुक्त बिंबों की प्रामाणिकता स्थापित होती है। पर यह होगा भी तो देखा नहीं जा सकेगा। हाँ, यह भी कल्पना की एक उड़ान तो है ही!
यही इन कविताओं का सार तत्त्व है जो विभिन्न रचनाओं के माध्यम से बार-बार प्रतिध्वनित हुआ है, और अलग-अलग समय पर जीवन में जो भी हुआ है, उनकी ‘परछाइयाँ’ इन कविताओं में स्पष्ट देखी जा सकती हैं।
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अनुक्रम
आकाश की झील से फूटा हुआ सोता — 7
प्राक्कथन — 11
आभार — 13
1. श्री गुरुदेव — 17
2. कुलगीत — 18
3. स्वप्न — 20
संगम
4. नियति — 39
5. प्रियतमा — 40
6. प्रतीक्षा — 41
7. टूटा जीवन — 42
8. मम्मो — 44
9. शृंगार — 45
10. स्मृति-प्रश्न — 46
11. तुम कहाँ हो — 47
12. घृणा — 50
13. ग्यारह बरस — 51
14. महबूब — 52
15. याद-ए-महबूब — 53
16. हमारा साथ — 54
17. नासमझी — 56
18. ख़यालों की मलिका — 57
19. दास्तान-ए-इश्क़ — 59
20. जोश-ए-मोहब्बत — 60
21. अलबम — 61
22. जुदाई — 62
23. नामुमक़िन — 63
24. मौत रोज़ की ख़राब — 64
25. क़िस्मत — 65
विविधा
26. सालगिरह-1 — 69
27. सालगिरह-2 — 70
28. पहाड़ी नदी — 71
29. मेरे विद्यार्थी — 73
30. इम्तिहान — 75
31. कैरेक्टर — 76
32. सदा-ए-नैनीताल — 77
33. शम-ए-ज़िंदगी — 78
34. उम्मीदें — 80
35. होली-1 — 81
36. चाय — 83
37. सफ़ेदी — 84
38. उदासी — 85
39. विडंबना — 86
40. होली-2 — 87
रमेश मिश्र
जन्म : 3 जुलाई, 1958 को ग्राम चाँदपुर, जिला शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश में।
शिक्षा : लखनऊ से वाणिज्य में स्नातक व परास्नातक। कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल से पी-एच.डी. (वाणिज्य)।
प्रकाशन : पुस्तक , शोध-पत्र, लेख, कहानी, समीक्षा, वार्त्ता इत्यादि तथा कई शोध पत्रिकाओं के परामर्श मंडल के सदस्य के रूप में दायित्व निर्वहन।
धारित पद : कुलसचिव, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी एवं विश्वविद्यालयी व्यवस्था में निदेशक, परीक्षा नियंत्रक इत्यादि अन्य कई पद।
सम्मान : इंडियन कॉमर्स एसोसिएशन के द्वारा वर्ष 2006 में अध्येता (फेलो) के रूप में सम्ऌमानित। उत्तराखंड उर्दू पत्रकार एवं कलमकार समिति नैनीताल के द्वारा वर्ष 2010 में सम्ऌमानित।
संप्रति : प्रोफेसर एवं निदेशक प्रबंध अध्ययन एवं वाणिज्य विद्या शाखा, उत्तराऌखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी।
संपर्क : profrcmishra@gmail.com