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"परिवार नियोजन जैसे महत्त्वपूर्ण, किंतु नीरस विषय पर काव्य-पुस्तिका रचकर डॉ. सुरेश ने बड़े साहस तथा महत्त्व का काम किया है। भारत के लिए परिवार नियोजन एक राष्ट्रीय आवश्यक है, ऐसी आवश्यकता जिसके बिना आर्थिक विकास की हमारी योजनाओं पर, फिर चाहे ये कितनी भी उपयोगी तथा फलदायी क्यों न हों, पानी फिर जाएगा। डॉ. सुरेश की काव्य-कला इस काम में हिस्सा बँटा रही है।
—अटल बिहारी वाजपेयी
पद्य विधा में परिवार-कल्याण के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालना एक टेढ़ी खीर थी, पर डॉ. प्रसाद ने अपनी सधी कलम और अनुभव से इस समस्या को इतना हृदयग्राही बनाया है कि पाठक का झुकाव बरबस परिवार नियोजन तथा परिवार-कल्याण की ओर हो जाता है। अतः मेरी शुभकामना है कि इस पद्य-प्रबंध को प्राप्त करने की ललक हर परिवार में हो, जिससे वह परिवार सुखी बन सके।
—डॉ. ए.के.एन. सिन्हा