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पर्यावरण शिक्षा की सार्थकता स्वत: स्पष्ट है। यह एक ऐसी शिक्षा है, जो मानव को जीने का सलीका सिखाती है। यह वह रास्ता बताती है जो मनुष्य की विकास यात्रा और प्रकृति के पारिस्थितिकी तंत्र के बीच में संतुलन और समन्वय का मार्ग है। यह आगे की पीढ़ियों को जीवन की गारंटी देती है और प्रकृति के भूगोल तथा मनुष्य के इतिहास के साथ-साथ रहना सिखाती है। पर्यावरण शिक्षा की सार्थकता को विश्व-भर ने स्वीकारा है। पूरा संसार इस बात को लेकर चिंतित है कि भयंकर वन विनाश, बे-लगाम प्रदूषण, संसाधनों का अंधाधुंध शोषण, नाभिकीय शास्त्रों की मूर्खतापूर्ण अंधी दौड़ और औद्योगिक उन्नति के नाम पर प्रकृति से अशिष्ट छेड़छाड़ मनुष्य जाति को ही नहीं, संपूर्ण जीव-जगत् को विनाश के कगार पर खड़ा कर देगी।
पर्यावरण को लेकर यों तो अनेक किताबें हैं; लेकिन अधिकांश ऐसी हैं, जिनमें आधे-अधूरे बिंदुओं को लिया गया है या कुछेक बिंदुओं पर अधिक जोर देकर अन्य बिंदुओं को उपेक्षा भाव से समेटा गया है।
एक अध्येता चाहता है कि उसे प्रत्येक बिंदु पर सिलसिलेवार और पर्याप्त पाठ्य सामग्री मिले, न अनावश्यक विस्तार हो और न खटकनेवाली कमी। वह उस सामग्री की तलाश में रहता है जो पर्यावरण के बारे में उसे एक सही दृष्टि दे सके। प्रस्तुत पुस्तक में यही विनीत प्रयास किया गया है। अध्येता को किसी विचार से बाँधने के स्थान पर विचार के सारे सिरे खुले रखे गए हैं; ताकि पाठक अपने-अपने दृष्टिकोण से इस विषय समस्या पर चिंतन कर सके। यह पुस्तक पाठ्यक्रमों के अध्येताओं के साथ-साथ सामान्य पाठक के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।
जन्म : 16 मार्च, 1939
शिक्षा : एम.ए. ( राजनीति विज्ञान), एम.एड. ( रिसर्च स्कॉलर) ।
कार्यक्षेत्र : अध्यापन ।
सम्मान : राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, जयपुर द्वारा रचनाधर्मिता, महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ ज्ञान की पुस्तक लेखन पर सम्मान । राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षक पुरस्कार । भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण पुस्तक लेखन पर राष्ट्रीय स्तर का प्रथम पुरस्कार ।
राजस्थान सरकार पर्यावरण विभाग द्वारा पत्रवाचन पर राज्यस्तरीय सम्मान ।
राष्ट्रीय एवं प्रांतीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सैकडों लेख प्रकाशित ।
कृतियाँ : जनसंख्या प्रदूषण और पर्यावरण, जनसंख्या विस्फोट और पर्यावरण, मानव और पर्यावरण, असंतुालित पर्यावरण और विश्व, पर्यावरण एवं महिलाएँ, पृथ्वी सौर कुकर कैसे?, प्रौढ़ एवं पर्यावरण, पर्यावरण शिक्षा, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर्यावरण ।
संपर्क : कीकाणी व्यासों का चौक बीकानेर ।