Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Pattro Me Samay Sanskruti

₹350

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Achyutanand Mishra
Features
  • ISBN : 9789351861867
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Achyutanand Mishra
  • 9789351861867
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 152
  • Hard Cover

Description

श्रद्धेय श्री हनुमानप्रसाद पोद्दार उपाख्य ‘भाईजी’ भारतीय संस्कृति के उन्नायक ऐसे महापुरुषों की परंपरा में शामिल हैं, जिन्होंने अपने जीवनदर्शन, कर्म और आध्यात्मिक स्पर्श से स्वाधीनता संग्राम और स्वाधीन भारत की संस्कृति, समाज, धर्म और राजनीति को प्रभावित किया था।
भाईजी एक गृहस्थ संन्यासी थे। देश के सभी महापुरुषों के प्रति उनका सम्मान और विनम्रता अकृत्रिम थी। लोककल्याण के लिए समर्पित उनकी जीवन-साधना सत्य, धर्म और न्याय के आचरण से उद्भूत थी। स्वाधीनता संग्राम के सेनानी रहे भाईजी के मन में यश, समान और ऐश्वर्य प्राप्त करने की कभी कोई आकांक्षा पैदा नहीं हुई। उनकी लोकसेवा, दिव्य तेज और भावपूर्ण जीवन के बारे में अनेक श्रेष्ठ और अधिकारी विद्वानों ने अत्यंत आदर सहित उल्लेख किया है।
भाईजी के पत्रों के इस संक्षिप्त लेकिन महत्त्वपूर्ण संकलन को पाँच खंडों में वर्गीकृत किया गया है। समग्रता में देखा जाए तो इन पत्रों में एक पूरे दौर की समय-संस्कृति व्यक्त हुई है। इसमें सामाजिक, साहित्यिक, राजनीतिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, दार्शनिक, धार्मिक और आध्यात्मिक जिज्ञासाओं के पक्ष उजागर हुए हैं, जो आज शायद अधिक प्रासंगिक हैं। 

The Author

Achyutanand Mishra

पत्रकारिता और पत्रकारों के सरोकारों से जुड़ा एक नाम। संप्रति : माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय, भोपाल के महानिदेशक।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW