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क्या आप जानते थे कि असुरों को पराजित करने के लिए त्रिदेव सदैव देवियों की सहायता लेते थे?
क्या आप जानते थे कि इस संसार का पहला क्लोन एक स्त्री ने बनाया था?
भारतीय पौराणिक कथाओं में स्त्रियों की संख्या भले ही बहुत कम होगी, लेकिन प्राचीन ग्रंथों और महाकाव्यों में शक्ति और रहस्य की उनकी कहानियाँ बहुत अधिक हैं। उन्होंने राक्षसों का वध किया और अपनी आक्रामकता से अपने भक्तों की रक्षा की। इस संग्रह में पार्वती से लेकर अशोक सुंदरी तक और भामती से लेकर मंदोदरी तक, मोहक और निर्भयी स्त्रियों का वर्णन है, जो हर बार देवताओं के लिए युद्ध का नेतृत्व करती हैं, जो अपने परिवारों का आधार और अपने प्रारब्ध की निर्माता थीं।
भारत की चहेती और सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली लेखिका सुधा मूर्ति आपको उन कहानियों के माध्यम से सशक्त बनाने वाली यात्रा पर ले जा रही हैं जिन्हें भुला दिया गया है, जिनमें उन उल्लेखनीय स्त्रियों की एक बड़ी संख्या है, जो आपको आपके जीवन में महिलाओं के गहरे प्रभाव की याद दिलाती हैं।
सुधा मूर्ति का जन्म सन् 1950 में उत्तरी कर्नाटक के शिग्गाँव में हुआ। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में एम.टेक. किया और वर्तमान में इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्षा हैं। बहुमुखी प्रतिभा की धनी सुधा मूर्ति ने अंग्रेजी एवं कन्नड़ भाषा में उपन्यास, तकनीकी पुस्तकें, यात्रा-वृत्तांत, लघुकथाओं के अनेक संग्रह, अकाल्पनिक लेख एवं बच्चों हेतु चार पुस्तकें लिखीं। सुधा मूर्ति को साहित्य का ‘आर.के. नारायणन पुरस्कार’ और वर्ष 2006 में ‘पद्मश्री’ तथा कन्नड़ साहित्य में उत्कृष्ट योगदान हेतु वर्ष 2011 में कर्नाटक सरकार द्वारा ‘अट्टीमाबे पुरस्कार’ प्राप्त हुआ। अब तक भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में लगभग दो सौ पुस्तकें प्रकाशित होकर बहुचर्चित-बहुप्रशंसित।