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रजनी सिंह का उपन्यास ‘पीढ़ी-दर-पीढ़ी’ विशुद्ध रूप से समाजोन्मुख ऐतिहासिक उपन्यास है, जो पुरखों की जीवन-घटनाओं, टकराहटों एवं व्यवस्थागत जद्दोजहद पर आधारित है। उपन्यास में अतीत टिमटिमाता है, वर्तमान जगमगाता है और भविष्य थिरकता है। इतिहास, राजनीति, देश-प्रेम, समाज, लोकजीवन, मानवीय संघर्ष, सत्ता मनोविज्ञान, तार्किकता, नारी अस्तित्व एवं अस्मिता, मानवाधिकार, सांप्रदायिक सद्भावना, नारी स्वाभिमान आदि तत्त्व-तथ्यों से बुनी कथा अपने कहन, शैली-वैशिष्ट्य एवं भाषिक संरचनात्मक सौंदर्य की दृष्टि से उपन्यास को एक सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति बनाती है। लेखिका ने पात्रों के माध्यम से ४०० वर्षों की गाथा और उसमें से ढाई-तीन सौ वर्षों की प्रौढ़ कथा की सत्यता को एक अन्वेषिका के रूप में व्यक्त किया है। सच की बुनियाद पर खड़ा यह उपन्यास अतीत और वर्तमान को बड़े कलात्मक ढंग से उजागर करता है।
-डॉ. अमरसिंह वधान
जन्म : १५ दिसंबर को डिबाई (उ.प्र.) में।
शिक्षा : कला स्नातक, अनेक क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र।
प्रकाशन : ‘झोंके बयार के’ (काव्य-रचना), ‘मुड़ते हुए मोड़’, ‘विहंगावलोकन’ (कहानी-संग्रह), ‘यत्र सीता तत्र नारी’ (गद्य-शोी), ‘नन्ही जिज्ञासा’, ‘झिलमिल तारे’ (बाल-काव्य), ‘दृष्टिकोण’ (प्रतियया-संग्रह), ‘प्रःति मेरी प्रःति’ (नैसर्गिक-काव्य), ‘तथ्य-कथ्य’ (साखी- काव्य), ‘माँ तथाता’, ‘कुछ-कुछ’ (काव्य- संग्रह), ‘भूमिजा-भूमिका’ (महाकाव्य), ‘मा तथाता’ (अनुवाद), ‘आओ, चलो सैर करें’ (यात्रा-संस्मरण) ‘नारी ज्ञान शिरोमणी’ (नारी संजीवनी)।
अनेक शैक्षिक नारी-विमर्श पत्रिकाओं का प्रबंधक , संपादन तथा पत्र-पत्रिकाओं में लेख-विचार प्रकाशित।
सम्मान : राष्टऊाद्धय सहारा, अमर उजाला, रेड ऐंड व्हाइट द्वारा सम्मानित तथा अनेक सम्मान-पुरस्कार साहित्य मनीषियों तथा संस्थाओं द्वारा तथा शिक्षा के क्षेत्र में अलंकरण। समाज-सेवा में अनेक कार्य। अमेरिका, इटली, जापान, नेपाल, जर्मनी, हवाई, इजिप्ट, साउथ अफ्रीका, दुबई, ऑस्टेऊलिया आदि का भमण ।
संपर्क : रजनी विला, डिबाई- 202393
(उ.प्र.), इ-मेल : rajnisingh2009@yahoo.comफोन : 09412653980] 05734&265101] 264201