दरअसल, यह इनसानी फितरत है कि वह खुद को ही सबसे आगे रखने में लगा रहता है—मैं ऐसा हूँ, मुझे यह अच्छा लगता है, मैं ये करता हूँ...इत्यादि। पर आप इससे कुछ अलग करिए—‘मैं’ से पहले ‘आप’ को रखिए। जैसे कि आप कैसे हैं, आपको क्या अच्छा लगता है, आप क्या करते हैं? ऐसा करने से लोग आपको पसंद करेंगे।
सिर्फ बड़े नामचीन लोग ही नहीं, आम आदमी भी ध्यान चाहता है। जब आप एक आम आदमी के श्रोता बनते हैं तो आप उसके लिए खास बन जाते हैं। और जब आप बहुत से लोगों के साथ ऐसा करते हैं तो आप बहुत से लोगों के लिए खास बन जाते हैं। इस प्रक्रिया में आप ‘परसन’ से बढ़कर एक पर्सनैलिटी बन जाते हैं—एक ऐसी पर्सनैलिटी, जिसे सभी पसंद करते हैं, जिसका व्यक्तित्व सभी को प्रभावित करता है।
असल में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें समय-समय पर कुछ चीजें जुड़ती रहती हैं और कुछ चीजें हटती हैं। ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो आपकी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में मददगार होती हैं। अपने लक्ष्य पर दृष्टि रखिए। शिष्टाचार, आत्मविश्वास, समय-प्रबंधन, सकारात्मक सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति से आप सफलता पाएँगे, आपको खुशियाँ मिलेंगी, आप नेतृत्व करेंगे और लोग आपकी पर्सनैलिटी का अनुसरण करेंगे।
आपकी पूरी पर्सनैलिटी को चार चाँद लगाने वाली रोजमर्रा की वे बातें, जिन्हें आप आसानी से कर सकते हैं और सफलता व लोकप्रियता के शिखर को छू सकते हैं।
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अनुक्रम | |
भूमिका — Pgs. 5 | 36. नैतिक रहिए — Pgs. 141 |
सफलता | 37. मत टालिए — Pgs. 143 |
1. लक्ष्य साधिए — Pgs. 15 | 38. समय सारिणी बनाइए — Pgs. 145 |
2. बाधाओं को समझिए — Pgs. 19 | 39. समय बलवान है — Pgs. 147 |
3. संदेह से उबरिए — Pgs. 23 | लक्ष्य |
4. सकारात्मक बनिए — Pgs. 27 | 40. लक्ष्य की स्पष्टता — Pgs. 157 |
5. चुनौतियों से खेलिए — Pgs. 31 | 41. सफलता के लिए लक्ष्य — Pgs. 161 |
6. जमे रहिए — Pgs. 35 | 42. कष्ट से सँवरता है लक्ष्य — Pgs. 165 |
7. दुनिया को कर दिखाइए — Pgs. 37 | 43. लक्ष्यशक्ति का परिष्कार — Pgs. 168 |
सकारात्मक सोच | 44. लक्ष्य के प्रति धुन — Pgs. 172 |
8. पहले सोच बड़ी करें — Pgs. 43 | 45. साहस से पूरे होते हैं लक्ष्य — Pgs. 174 |
9. रचनात्मक विकल्प खोजिए — Pgs. 48 | नेतृत्व |
10. सकारात्मक सोच का प्रभाव — Pgs. 50 | 46. औरों के साथ आपके रिश्ते — Pgs. 179 |
11. सम्मानजनक सोच : पहली प्राथमिकता — Pgs. 54 | 47. परखिए समय को — Pgs. 183 |
12. हमारा जीवन एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि — Pgs. 56 | 48. मनवाइए अपनी बात — Pgs. 188 |
13. अवसादपूर्ण सोच से उबरिए — Pgs. 60 | 49. माफ कीजिए...! — Pgs. 192 |
14. सोच बदलो, दुनिया बदलो — Pgs. 63 | 50. जीतिए खुद को — Pgs. 196 |
स्मरण शक्ति | 51. निर्णय क्षमता का विकास — Pgs. 199 |
15. स्मृति परिचय — Pgs. 75 | 52. सेवक सच्चा नेतृत्वकर्ता — Pgs. 201 |
16. उत्तम स्मृति के सिद्धांत — Pgs. 77 | इच्छा शक्ति |
17. स्मृतिवर्द्धक तकनीकें — Pgs. 80 | 53. इच्छा शक्ति ही जीवन — Pgs. 211 |
18. स्मृति का आधार मजबूत बनाइए — Pgs. 84 | 54. इच्छाएँ जगाती हैं आशाएँ — Pgs. 215 |
19. स्मरण शक्ति कैसे बढ़ाएँ? — Pgs. 86 | 55. इच्छा शक्ति बनाम दृष्टिकोण — Pgs. 221 |
20. आप और आपकी स्मरण शक्ति — Pgs. 88 | 56. जो चाहिए, वह पाइए — Pgs. 227 |
21. चेहरों एवं नामों को कैसे याद रखें — Pgs. 92 | 57. इच्छा की अभिव्यक्ति — Pgs. 231 |
प्रसन्नता | आत्मविश्वास |
22. मुसकराहट का जादू — Pgs. 97 | 58. आत्मविश्वास का महत्त्व — Pgs. 239 |
23. वाणी का प्रभाव — Pgs. 101 | 59. मानसिक संवेगों से प्रभावित होता है आत्मविश्वास — Pgs. 244 |
24. प्रशंसा से बढ़ती है प्रसन्नता — Pgs. 106 | 60. रचनात्मकता से बढ़ता है आत्मविश्वास — Pgs. 248 |
25. अवसर का उपयोग — Pgs. 110 | 61. साहस से बढ़ता है आत्मविश्वास — Pgs. 252 |
26. गलतियों से सीखिए — Pgs. 115 | 62. असफलता और आत्मविश्वास — Pgs. 256 |
समय प्रबंधन | 63. सर्वप्रियता बढ़ाता है आत्मविश्वास — Pgs. 260 |
27. सच्चे रहिए — Pgs. 123 | शिष्टाचार |
28. महत्त्व समझिए — Pgs. 125 | 64. मनुष्य का आभूषण : शिष्टाचार — Pgs. 267 |
29. सुव्यवस्थित रहिए — Pgs. 127 | 65. शिष्टता की प्रतीक : मुसकराहट — Pgs. 271 |
30. आर्थिक लक्ष्य रखिए — Pgs. 129 | 66. शिष्टता की शक्ति : विनम्रता — Pgs. 274 |
31. बहुआयामी बनिए — Pgs. 131 | 67. व्यक्तित्व के परिचायक हैं : हाव-भाव — Pgs. 278 |
32. सचेत रहिए — Pgs. 133 | 68. औरों को भी स्वीकारिए — Pgs. 282 |
33. प्रकृति के निकट रहिए — Pgs. 135 | 69. शिष्ट वार्त्तालाप के प्रभाव — Pgs. 286 |
34. जागरूक रहिए — Pgs. 137 | 70. विचार, वाणी और अभिव्यक्ति — Pgs. 290 |
35. समय को नियंत्रित कीजिए — Pgs. 139 |
प्रो. पुष्पेंद्र कुमार आर्य पत्रकार, लेखक एवं कैरियर मार्गदर्शक के रूप में विख्यात हैं। लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में आपकी दो हजार से अधिक रचनाएँ तथा विविध महत्त्वपूर्ण विषयों पर पच्चीस से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एम.ए. (राजनीति-शास्त्र), कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार में पी.जी. डिप्लोमा तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र से प्रथम श्रेणी में ‘मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन’ की डिग्री के बाद आप ‘महात्मा गांधी का पत्रकार जीवन’ विषय पर शोध कार्य में संलग्न हैं। देश के विविध राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में आप शीर्षस्थ पदों पर कार्य कर चुके हैं।
सृजनात्मक लेखन एवं उल्लेखनीय रचनात्मक प्रतिभा के लिए आपको विविध पुरस्कारों व सम्मानों से विभूषित किया जा चुका है। इनमें ‘इंटरनेशनल वोकेशनल अवार्ड’; विश्व शांति आंदोलन ट्रस्ट, मुंबई द्वारा ‘राष्ट्र गौरव सम्मान’; अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट, इंक, कैरोलीना (अमेरिका) द्वारा ‘मैन ऑफ द ईयर-2003’; हिंदी संगठन, मॉरीशस का ‘हिंदी सम्मान’; ओरिएंटल कल्चरल अकादमी, बैंकॉक (थाईलैंड) द्वारा ‘इंस्टीट्यूट अवार्ड’; सल्तनत ऑफ ओमान के ‘निशान-ए-मस्कट’ एवं यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया आर्ट्स, नोएडा के ‘अकादमी अवार्ड’ के अतिरिक्त भारत सरकार के कल्याण मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रदत्त सम्मान प्रमुख हैं।