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प्रत्येक व्यक्ति को अपने भविष्य में घटित होनेवाली शुभाशुभ घटनाओं को जानने की जिज्ञासा रहती है । यही कारण है कि आजकल शिक्षित युवकों में भी ज्योतिष के अध्ययन के प्रति रुचि जाग्रत् होती जा रही है ।
विद्वान् लेखक की पहली पुस्तक ' आधुनिक ज्योतिष ' बड़े-बड़े ज्योतिर्विदों के लिए भी वैज्ञानिक आधार सिद्ध हो चुकी है । प्रस्तुत है, ज्योतिष के फलित पक्ष पर लिखी गई उनकी एक और प्रामाणिक रचना, जिसमें उन्होंने राशियों, ग्रहों एवं भावों की शुभाशुभता, भावात् भावम् के सिद्धांत, सुदर्शन पद्धति, ग्रह दृष्टि भेद आदि अनेक जटिल प्रकरणों के अतिरिक्त ज्योतिष के एक सौ इक्कीस महत्त्वपूर्ण फलित सूत्रो को भी अनेक व्यक्तियों की जन्मकुंडलियों द्वारा सिद्ध किया है तथा साथ ही विभिन्न लग्नों की कुंडलियों में राशियों, भावों तथा ग्रहों के फल का भावेश, स्थिति एवं दृष्टि के आधार पर विवेचन करते हुए प्रत्येक भाव से संबंधित अनेक विशिष्ट योग भी प्रस्तुत किए हैं, जिससे पुस्तक की उपयोगिता कई गुना बढ़ गई है ।
प्रस्तुत पुस्तक में प्रयास किया गया है कि पाठक निश्चित सिद्धांतों के आधार पर स्वयं अपनी जन्मकुंडली का अध्ययन कर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकें ।
जन्म : 11 मार्च, 1932 ।
शिक्षा : एम.ए. (भूगोल) एवं बी.एड. ।
श्री रघुनन्दन प्रसाद गौड़ प्रख्यात ज्योतिर्विद् हैं । आपको सर 1986 में शिक्षक दिवस के अवसर पर महामहिम राज्यपाल, राजस्थान द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किया जा चुका है। आपने पुरातन ज्योतिषीय सिद्धान्तों व सूत्रों को सरल रूप प्रदान करते हुए ज्योतिष जगत् को अनेक बहुमूल्य रत्न अर्पित किये हैं । आपके द्वारा रचित मौलिक ज्योतिषीय ग्रंथ ' आधुनिक ज्योतिष ', ' फलित सरोवर ', ' जन्मपत्री रचना में त्रुटियाँ क्यों ', ' नाक्षत्र ज्योतिष ', ' दाम्पत्य जीवन और ज्योतिष ' तथा ' स्त्री जातक दर्पण ' न केवल देश-विदेश में लोकप्रिय हैं अपितु उत्कृष्ट ज्योतिर्विदों के लिए वरदान सिद्ध हो चुकी हैं । इन्हीं विशिष्टताओं के फलस्वरूप आपके ग्रन्थ अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मानजनक स्थान ग्रहण कर चुके हैं । इन ग्रन्थों के अतिरिक्त अब तक ज्योतिष के विभिन्न पक्षों पर आपके लगभग दो सौ शोधपरक लेख प्रकाशित हो चुके हैं । ज्योतिष जगत् को प्रदत्त अविस्मरणीय योगदान के लिए आपको विभिन्न ज्योतिषीय संस्थाओं द्वारा ' ज्योतिष मार्तण्ड ', ' ज्योतिष महर्षि ', ' ज्योतिष आर्यभट्ट ', ' ज्योतिष शिरोमणि ', ' ज्योतिष विद्यावारिधि ', ' ज्योतिष सम्राट्' तथा ' विश्व ज्योतिष सम्राट् ' जैसी उपाधियों से सम्मानित किया जा चुका है ।