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Police Aur Manavadhikar   

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Author Subramaniam Swamy , S.Subramanian
Features
  • ISBN : 9788173152597
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Subramaniam Swamy , S.Subramanian
  • 9788173152597
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2010
  • 156
  • Hard Cover

Description

मानवाधिकार और पुलिस व्यवस्था समाज की समस्याओं, जटिलताओं को हल करने की प्रक्रिया में केंद्र बिंदु होते हैं । इस पुस्तक में लेखक ने पुलिस तंत्र, राष्‍ट्रीय सुरक्षा, मानव अधिकारों की संकल्पना तथा विधि-विधान का व‌िस्तारपूर्वक, सुव्यवस्थित ढंग से प्रतिपादन किया है । इस विवेचन से पुलिस तंत्र को ही नहीं बल्कि आम व्यक्‍त‌ि को अपने इन मूलभूत अधिकारों की जानकारी मिलेगी ।
इसके अलावा मानव जाति के इन मूल अधिकारों के संबंध में मौजूद अंतरराष्‍ट्रीय व्यवस्था तथा भारत के संविधान में दिए गए मूलभूत अधिकारों की चर्चा करने के साथ-साथ मानव अधिकारों की संकल्पना के विकास, भारत में इसकी पृष्‍ठभूमि, इन अधिकारों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए पुलिस तंत्र के कर्तव्यों, दायित्वों, जेल व्यवस्था, दंड संहिता के विधान, अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिज्ञापत्रों, संकल्पों, यूनेस्को के चार्टर आदि पर विशद रूप से प्रकाश डाला गया है । इससे लेखक के दीर्घ अनुभव, व्यापक जानकारी तथा आतंकवाद जैसी समस्याओं के प्रति उनकी पैनी दृष्‍ट‌ि का परिचय मिलता है । वर्तमान संदर्भ में सरस एवं रोचक ढंग से प्रस्तुत विषय-वस्तु की उपयोगिता, औचित्य के कारण यह पुस्तक पुलिस तंत्र, न्याय व्यवस्था, सामाजिक एजेंसियों के साथ- साथ जनसाधारण के लिए भी लाभप्रद एवं शिक्षाप्रद सिद्ध होगी ।

The Author

Subramaniam Swamy

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी एक प्रखर विचारक, लोकतंत्र के सजग प्रहरी एवं भ्रष्‍टाचार के विरुद्ध संघर्ष में अग्रणी, निर्भीक एवं स्वच्छ छविवाले राजनेता हैं। वे पाँच बार सांसद रहे; चंद्रशेखर सरकार में वाणिज्य, विधि व न्याय मंत्री तथा नरसिम्हा राव सरकार में श्रम-मानक आयोग के अध्यक्ष रहे।
डॉ. स्वामी ने हार्वर्ड विश्‍वविद्यालय से अर्थशास्‍‍त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्‍त की। यह शोध कार्य उन्होंने नोबेल पुरस्कार प्राप्‍त अर्थशास्‍‍त्री सायमन कुजनेट्स के सान्निध्य में किया; बाद में वह हार्वर्ड विश्‍वविद्यालय में ही प्रोफेसर नियुक्‍त हुए, जहाँ उन्होंने एक अन्य नोबेल पुरस्कार प्राप्‍त अर्थशास्‍‍त्री पॉल सेम्युल्सन के साथ ‘सूचकांक (इंडेक्स नंबर) पर शोध प्रपत्र लिखे। वहाँ दस वर्षों तक अध्यापन के बाद भारत आकर आई.आई.टी. दिल्ली में प्रोफेसर नियुक्‍त हुए।
डॉ. स्वामी ने चीन सरकार से बातचीत करके कैलास मानसरोवर के द्वार खुलवाए और भारत से पहले तीर्थयात्री दल का नेतृत्व किया। रामसेतु मामले में उन्होंने न्यायालय में जाकर इसे तोडे़ जाने से रुकवाने में सफलता प्राप्‍त की।
डॉ. स्वामी ने आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर लगभग 20 महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का लेखन किया है, जो बहुचर्चित और बहुप्रशंसित हुई हैं।

S.Subramanian

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