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"Positive Thinking द्वारा अपार सफलता’ अमिट एवं अविस्मरणीय है। सकारात्मक सोच का जादू ऐसा है, जिसका प्रभाव हर क्षेत्र में पड़ता है। चाहे वह सुंदर व्यक्तित्व की बात हो या समस्या समाधान की; चिंता-तनाव एवं अवसाद से बाहर निकलने की बात हो या सुख, आनंद एवं शांति प्राप्ति की अथवा व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक या आध्यात्मिक जीवन के उत्थान की बात, इसके जादू का प्रभाव हर जगह और हर क्षेत्र में देखने को मिलता है।
अगर इसका कमाल देखना है तो सदैव बड़ा सोचो, अच्छा सोचो, ऊँचा सोचो और दूर का सोचो! तब देखें, इसके जादू का प्रभाव इतना अद्भुत है कि इसका कोई तोड़ नहीं! कहा भी गया है बड़ी सोच का बड़ा जादू; जितनी बड़ी सोच, उतना विराट् जादू! सोच के जादू का कमाल देखना है तो सिर्फ सोच को सकारात्मक, रचनात्मक, व्यापक एवं दूरदर्शी बनाकर देखें। आपको खुद आश्चर्यजनक परिवर्तन दिखाई देगा।
सकारात्मक सोच आपके अंदर अतिरिक्त ऊर्जा का संचार करती है; नई उमंग, उत्साह एवं चाहत पैदा करती है; आपको कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करती है; आपकी चिंताओं को दूर कर समस्या-समाधान में मदद करती है। आपके देखने, सुनने और कार्य करने का नजरिया बदल जाता है। यह पुस्तक आपके भीतर पॉजिटिव थिंकिंग विकसित करेगी, जिसके बल पर आप जीवन में सफलता की नई ऊँचाइयों को छू पाएँगे।"
रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह
पिताश्री : स्व. ब्रहमदेव प्र. सिंह
जन्म : मुसहरिया, कुंडवा चैनपुर, पूर्वी, चंपारण (बिहार)
शिक्षा : स्नातकोत्तर विज्ञान (बी.यू.), स्नातक पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान (पी.यू.)
प्रकाशित कृतियाँ : ‘आप भी सफल हो सकते हैं’, ‘सफलता के 5 सूत्र’, ‘जिंदगी एक अवसर : जिंदगी एक कला’, ‘क्या खोया, क्या पाया?’, ‘जीवन को बेहतर कैसे बनाएँ’, ‘सोच को बदलें’, ‘व्यक्तित्व निर्माण’।
प्रकाश्य : ‘जीवन अनमोल है’, ‘शिक्षा का अर्थ’, ‘उद्देश्य एवं औचित्य’, ‘जीवन का पैरामीटर’, ‘बिहार का विकास एक : संदर्भ कर्म-मूल्य’।
अभिरुचि : लेखन एवं समाज सेवा
आदर्श : पिताश्री
संप्रति : उप विकास आयुक्त, बेतिया।
दूरभाष : 7488626302