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परमाणु युग की सर्वोच्च प्रगति के बावजूद आज भी मानवजाति को प्रकृति के प्रकोपों का भाजन बनना पड़ता है । यह प्रकोप प्राकृतिक आपदाओं के रूप में प्रकट होता है ।
वैज्ञानिक प्रगति के कारण इन आपदाओं का वैज्ञानिक अध्ययन संभव हुआ है? जिससे समय रहते चेतावनी दी जा सकती है और मनुष्य अपने जान- माल की तथा पशुओं की रक्षा कर सकता है । पर इतने उपायों के बावचूद प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना ही रहता है । इसलिए आवश्यक हो जाता है कि हर देश में इन आपदाओं का क्रमबद्ध अध्ययन प्रस्तुत किया जाए ।
प्रस्तुत पुस्तक में प्राकृतिक आपदाओं का परिचय और विभिन्न आपदाओं का विस्तृत एवं सचित्र विवरण सरल-सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है ।
हमें विश्वास है, यह पुस्तक छात्रों शोधार्थियों भूगोलवेत्ताओं के अलावा प्रत्येक नागरिक के लिए ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी सिद्ध होगी ।
डॉ. शिवगोपाल मिश्र ( जन्म : सन् 1931) विज्ञान-जगत् के ख्याति -प्राप्त लेखक हैं । आपने इलाहबाद विश्वविद्यालय से एम.एस-सी. ( कृषि रसायन) तथा डी. फिल्. की उपाधियाँ प्राप्त करने के बाद इसी विश्वविद्यालय में 1956 से 1991 तक क्रमश: लेक्चरर, रीडर, प्रोफेसर और निदेशक पदों पर अध्यापन और शोधकार्य का निर्देशन किया । सूक्ष्म मात्रिक तत्त्व, फास्फेट, पादप रसायन, अम्लीय प्रदूषण, जैव उर्वरक, भारतीय कृषि का विकास, ऊर्जा, जीवनोपयोगी सूक्ष्म मात्रिक तत्त्व नामक पुस्तकों का प्रणयन आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धि है । आपकी कई पुस्तकें पुरस्कृत भी हो चुकी हैं । आपने मृदा प्रदूषण, वायु प्रदूषण तथा जल प्रदूषण के विषय में अनेकानेक शोधपरक निबंध प्रकाशित किए हैं । प्रारंभ से ही हिंदी में रुचि होने के कारण 1952 से आप विज्ञान परिषद् प्रयाग से संबद्ध रहे हैं । आपने कई वर्षों तक मासिक पत्रिका ' विज्ञान ' का संपादन किया है । आपने ' भारत की संपदा ' का -संपादन तथा ' रसायन विज्ञान कोश ' का लेखन किया है ।
आपकी हिंदी सेवाओं के लिए 1993 में आपको ' डॉ. आत्माराम पुरस्कार ' से सम्मानित किया गया । विज्ञान परिषद् तथा इंडियन सोसाइटी ऑफ सॉयल साइंस के आप आजीवन सदस्य हैं ।