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Pranayama aur Sudarshan Kriya

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Author Namrata Gautie , Francois Gautie
Features
  • ISBN : 9789350482889
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Namrata Gautie , Francois Gautie
  • 9789350482889
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2017
  • 216
  • Hard Cover
  • 445 Grams

Description

प्राणायाम का शाब्दिक अर्थ है—‘प्राण या ऊर्जा का ज्वार-भाटा’। ऊर्जा का समुचित प्रवाह शरीर को स्वस्थ व निरोग रखता है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पूज्य श्रीश्री रविशंकरजी ने प्राणतत्त्व और ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए असंख्य लोगों को प्रेरित व प्रशिक्षित किया है।
नींद में हम थकावट से छुटकारा पा जाते हैं, पर गहरे तनाव तो हमारे शरीर में कायम रहते हैं। सुदर्शन क्रिया हमारे तंत्र की गहराई से सफाई करती है। प्राणायाम के व्यापक फायदों में कुछ प्रमुख हैं—तनाव दूर होना, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ना, मानसिक संतुलन व संपूर्ण स्वास्थ्य। सुदर्शन क्रिया कैंसर व हृदय रोग सहित कई बीमारियों से बचाव करती है।
यही नहीं, ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के स्वैच्छिक कार्यकर्ता मतभेदों और द्वंद्वों में फँसे दलों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने का महत्त्वपूर्ण काम करते हैं। असहिष्णुता, असुरक्षा, संशय और मतभेदों की दुनिया में श्रीश्री सद‍्‍भाव, विश्‍वास और सहनशीलता का सेतु बनाने के लिए प्रयत्‍नशील हैं। आतंक, युद्ध और अन्य संकटों से जूझते अफगानिस्तान, कोसोवो, पाकिस्तान, इजराइल, लेबनान आदि देशों में ‘आर्ट ऑफ लीविंग’ के कोर्स ने चमत्कारिक सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं।
श्रीश्री रविशंकर द्वारा उद‍्‍भूत ‘आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन’ व ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ कोर्स के माध्यम से सुदर्शन क्रिया और प्राणायाम का महत्त्व दरशाती एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पुस्तक। यह आपको निरोग, संतुलित व तनाव मुक्‍त रहने का मार्ग दिखाएगी।

The Author

Namrata Gautie

नम्रता गोतिए प्रतिष्‍ठित टैक्सटाइल डिजाइनर हैं तथा ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ की शिक्षिका भी। उन्होंने अनेक बाल पुस्तकें लिखी हैं।

Francois Gautie

सन् 1950 में पेरिस में जनमे फ्रांसीसी पत्रकार फ्रांस्वा गोतिए पिछले दस वर्षों से राजनीतिक संवाददाता हैं। वर्तमान में पेरिस से प्रकाशित ‘लॉ रेव्यू डे ला इंडि’ (lesbelle-slettres.com) के संपादक हैं। फ्रांस्वा ने अनेक पुस्तकों का लेखन भी किया है—‘अन ऑटे्र रिगार्ड सर ला’ इंडि’ (एडिशंस डू ट्राइकोर्न, जेनेवा-पेरिस), ‘अराइज ओ इंडिया’ ‘ए वेस्टर्न जर्नलिस्ट ऑन इंडिया’ एवं ‘इंडिया’ज सेल्फ डिनायल’। फ्रांस्वा लंबे समय से ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ संस्था से जुडे़ रहे हैं। वे पिछले कई दशकों से भारत में अपनी भारतीय पत्‍नी नम्रता के साथ रह रहे हैं।

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