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"प्रेमचंद विश्वकोश पाँच खंडों में विभक्त है। ये पाँच खंड हैं: प्रेमचंद का जीवन, प्रेमचंद का साहित्य, प्रेमचंद के पात्र, प्रेमचंद के विचार, प्रेमचंद- साहित्य-समीक्षा। इन पाँच खंडों की संयुक्त योजना को 'प्रेमचंद विश्वकोश' की संज्ञा दी गई है। प्रेमचंद के जीवन, साहित्य, विचार आदि के संबंध में ज्ञात- अज्ञात सभी प्रकार की पूर्ण जानकारी के साथ भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में हुए अनुवादों, शोधकार्यों तथा समीक्षात्मक लेखों, पुस्तकों आदि के लगभग संपूर्ण तथ्य इन पाँच खंडों में दिए गए हैं। इस विश्वकोश से प्रेमचंद के अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के लेखक होने की भी प्रामाणिक एवं सर्वांगीण विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
प्रथम खंड उनकी जीवनी है। यह जीवनी 'प्रेमचंद : कलम का सिपाही' तथा 'मुंशी प्रेमचंद' (अंग्रेजी में) से भिन्न पद्धति से लिखी गई है। यह कालक्रमानुसार अर्थात् तारीखवार लिखी गई है। इसमें कालचक्र में बँधे उनके तथ्यात्मक जीवन को प्रस्तुत किया गया है।
प्रेमचंद विश्वकोश का यह दूसरा खंड प्रेमचंद के समग्र हिंदी-उर्दू साहित्य का परिचय एवं विवरण प्रस्तुत करनेवाला खंड है। प्रेमचंद हिंदी और उर्दू के समान रूप से लेखक थे। उनकी अधिकांश रचनाएँ दोनों ही भाषाओं में प्रकाशित हुई थीं, यद्यपि उनके शीर्षक एवं प्रकाशन-काल भिन्न-भिन्न रहे हैं।
इस खंड में हिंदी और उर्दू की सभी ज्ञात रचनाओं के विवरण अलग-अलग दिए गए हैं, जिससे प्रेमचंद के हिंदी और उर्दू लेखन का चित्र समान रूप से उबरकर पाठकों के सामने आए। इस खंड में प्रेमचंद की प्रत्येक हिंदी रचना का सारांश प्रस्तुत किया गया है और उर्दू रचनाओं के नाम, विधा का नाम, प्रकाशन-वर्ष एवं पत्रिका अथवा पुस्तक का नाम, रचना का हिंदी शीर्षक आदि तथ्य दिए गए हैं। इससे किसी भी उर्दू रचना के हिंदी रूप की जानकारी और फिर इस रचना के कथानक अथवा सारांश तक पहुँचना सरल होगा।"