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"प्रेमचंद विश्वकोश' पाँच खंडों में विभक्त है। ये पाँच खंड हैं: प्रेमचंद का जीवन, प्रेमचंद का साहित्य, प्रेमचंद के पात्र, प्रेमचंद के विचार, प्रेमचंद- साहित्य-समीक्षा। इन पाँच खंडों की संयुक्त योजना को 'प्रेमचंद विश्वकोश' की संज्ञा दी गई है। प्रेमचंद के जीवन, साहित्य, विचार आदि के संबंध में ज्ञात- अज्ञात सभी प्रकार की पूर्ण जानकारी के साथ भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में हुए अनुवादों, शोधकार्यों तथा समीक्षात्मक लेखों, पुस्तकों आदि के लगभग संपूर्ण तथ्य इन पाँच खंडों में दिए गए हैं। इस विश्वकोश से प्रेमचंद के अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के लेखक होने की भी प्रामाणिक एवं सर्वांगीण विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
प्रथम खंड उनकी जीवनी है। यह जीवनी 'प्रेमचंद : कलम का सिपाही' तथा 'मुंशी प्रेमचंद' (अंग्रेजी में) से भिन्न पद्धति से लिखी गई है। यह कालक्रमानुसार अर्थात् तारीखवार लिखी गई है। इसमें कालचक्र में बँधे उनके तथ्यात्मक जीवन को प्रस्तुत किया गया है। इस जीवन सारिणी में उनके 56 वर्षों के तिथिगत इतिहास को विभिन्न शीर्षकों में प्रस्तुत किया गया है। प्रेमचंद पर लिखी गई अन्य जीवनियों के समान यहाँ एक क्रमगत धाराप्रवाह नहीं है, अपितु ये विभिन्न धाराएँ एक ही व्यक्तित्व से जन्म लेती हैं, काल की आयु पाकर विकसित होती हैं और अंत में उसी व्यक्तित्व में विलीन हो जाती हैं। अतः ये सभी पक्ष एक मानसिक संयोग चाहते हैं।
इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों की आभा के समान यह 'जीवनी' भी व्यक्तित्व के विभिन्न रंगों एवं रूपों को अपनी संपूर्ण सुंदरता एवं अन्विति के साथ प्रस्तुत करती है।"