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Punjab Ki Lokkathayen   

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Author Phulchand Manav
Features
  • ISBN : 9789355210395
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Phulchand Manav
  • 9789355210395
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2021
  • 160
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

पंजाब की लोककथाएँ प्रेम और अनुराग के संबंधों में धड़कती शाश्वत कहानियाँ हैं। इसलिए कि भारत की आजादी से पहले, पाकिस्तान में स्थित क्षेत्रों में भी ये गूँज छोड़ रही हैं। लोकगीतों में इनके संदर्भ उभरते हैं—टप्पे, सिट्ठणियाँ, बोलियाँ, गिद्दे अथवा भाँगड़े के साथ हमें स्पंदित कर जाते हैं। 1966 में पंजाब से अलग होकर हरियाणा व हिमाचल के अस्तित्व में आने के बाद भी जो पंजाब आज है, उसमें लोककथाओं की भरपूर विरासत है। यहाँ मालवा, माँझा, दोआबा और पुआध अपनी मूल रंगत में दिपदिपा रहे हैं। सांस्कृतिक संपदा और पारंपरिक कथा-क्षेत्र में प्रेम-प्यार और लोक की लुभावनी गाथाएँ सुना रहे हैं। 
लोक-व्यवहार, लोक-परंपरा से लेकर लोक-गीतों में भी हमारे यहाँ कहानियों की भरमार है। हीर-रांझा, सस्सी-पुन्नू, शीरी-फरहाद या सोहनी-महिवाल से आगे कामकंदला जैसी सैकड़ों प्रेमकथाएँ हैं, जिनमें लोक-रंग गहरा उभरा है और इन्हें पीढ़ी-दर-पीढ़ी हम सुनते आए हैं। पंजाबी भाषा के किस्साकारों ने अपनी रचनाओं में काव्य कौतुक दिखाकर दर्जनों चिट्ठे-किस्से, प्यार-गाथाओं एवं लोककथाओं के छपवाएँ हैं। शिव कुमार बटालवी की लूणा पूर्ण भगत को बयान करती लोककथा ही तो है। हिंदी पाठक पंजाब की लोककथाओं का आनंद ले पाएँ, प्रस्तुत संकलन इसी उद्देश्य से तैयार 
हुआ है।

The Author

Phulchand Manav

शिक्षा : एम.ए. हिंदी, पंजाबी (स्वर्ण पदक), एम.फिल. (सर्वोत्कृष्ट), पी-एच.डी. हिंदी, स्नातकोार पत्रकारिता।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘एक ही जगह’, ‘एक गीत मौसम’, ‘कमजोर कठोर सपने’ और ‘आइने इधर भी हैं’ (कविता-संग्रह)। ‘अंजीर’ (हिंदी), ‘कथानगर’ (पंजाबी), ‘कथानगरी’ (गुजराती कहानी-संग्रह)। ‘मोहाली से मेलबर्न’ (यात्रा वृंत)। ‘दुष्यंत कुमार’ और ‘साये में धूप’। (पंजाबी से हिंदी अनुवाद) ‘बीसवीं सदी का पंजाबी काव्य’, ‘चौथी दिशा’ (साहित्य अकादमी), ‘धूप और दरिया’, ‘कौरवा सभा’, ‘अन्नदाता’ (भारतीय ज्ञानपीठ), ‘किसपहिं खोल्हू गंठडी’, संतोख सिंह धीर की कहानियाँ, एन.बी.टी. से और तेरह अन्य कृतियाँ। (हिंदी से पंजाबी अनुवाद) ‘चीख कोरे कागज विच’, ‘सुदामा दे चौल’, ‘अमृत दी खोज’, ‘श्रीअरविंद, मिट्टी ते नंगे पैर’, ‘अद्धापुल’, ‘मैनू याद है’ और सात अन्य कृतियाँ, 1962 से लेखन, प्रकाशन।
पुरस्कार-सम्मान : सौहार्द सम्मान, राष्ट्रीय कविता पुरस्कार, शिरोमणि हिंदी पुरस्कार, साहित्य अकादमी का राष्ट्रीय हिंदी अनुवाद पुरस्कार। आकाशवाणी द्वारा 1967 से, दूरदर्शन पर 1976 से प्रसारण।
यात्रा : आस्टे्रलिया, सिंगापुर और पाकिस्तान साहित कई देशों में यात्राएँ। 
संपर्क : साहित्य संगम, 239, दशमेश एन्लेव, ढकौली, जीकरपुर-160104 (निकट चंडीगढ़), पंजाब।
मोबाइल : 9316001549, 9646879890, फोन : 01762-273567
इ-मेल : phulchandmanav@gmail.com

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