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पंजाबी गीतों, कविताओं के साथ भारत से बाहर भी विदेशों तक पंजाबी संस्कृति-साहित्य की धूम है। कहानी के क्षेत्र में पंजाबी रचनाकार विदेशों में, पंजाब से बाहर अन्य कई प्रांतों में पाकिस्तान तक छाए हुए हैं। उपन्यास, कथा के लिए पंजाबी कहानीकारों में अमृता प्रीतम, करतारसिंह दुग्गल, बलवंत गार्गी, देवेंद्र सत्यार्थी, कुलवंत सिंह विर्क, महेंद्र सिंह सरना, विरदी, दलीप कौर टिवाणा और जगजीत वराड़ सरीखे प्रतिभा संपन्न हस्ताक्षरों ने अपने कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वहीं मोहन भंडारी, प्रेम प्रकाश, रघुबीर ढंड, जसवंतसिंह कँवल, सेखो, गुरमुखसिंह मुसाफिर और गुरबशसिंह प्रीतलड़ी के नाम की भी अच्छी-खासी धूम रही है। देहाती, शहराती पंजाबी संस्कृति, सभ्यता का सटीक, सजीव चित्रण इनकी कहानियाँ प्रस्तुत करती हैं तो भाषा, शैली और शिल्प के माध्यम से भी इन्हीं समर्थ कथा हस्ताक्षरों ने सफलता की बुलंदी को छुआ है।
पंजाबी कहानी ‘पिंजर’, ‘जुलूस’, ‘मंगो’, ‘साझा’, ‘हलवाहा’, ‘तोताराम’, हो अथवा ‘डैडलाइन’, ‘ओवर टाइम’, ‘कंचन माटी’, ‘सच मानना’ के साथ ‘हलवाहा’ पिछले एक सौ साल से ऊपर की निरंतर कथा यात्रा में लोकप्रियता के स्तर पर इन कहानियों ने अपने स्पेस का एहसास करवाया है। ‘रंग में भंग’, ‘बागी की बेटी’, ‘सोया हुआ साँप’, ‘शान-ए-पंजाब’ हो या ‘कहवाघर की सुंदरी’, इन पंजाबी कथाओं ने अपना अस्तित्व जतलाकर पाठकों को अपने हक में खड़ा किया है। ‘परी महल की चीखें’, ‘आवाज आवाज है’, हो या ‘जोगासिंह का चौबारा’, किसी भी अन्य भारतीय भाषा की टकर में ये इकीस सिद्ध हुई हैं। पाठक वर्ग युवा हो या प्रौढ़, किशोर अथवा वयोवृद्ध, हर आयु के रसज्ञ के लिए ये कहानियाँ पठनीय हैं।
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अनुक्रम
भूमिका——7
1. भाभी मैना—गुरबशसिंह—17
2. बागी की बेटी—गुरमुखसिंह मुसाफिर—28
3. हलवाहा—संतसिंह सेखों —37
4. कंचन माटी—देवेंद्र सत्यार्थी —43
5. कहवाघर की सुंदरी—बलवंत गार्गी—57
6. ओवर टाइम—कर्तारसिंह दुग्गल—63
7. जोगासिंह का चौबारा—अमृता प्रीतम—68
8. परी महल की चीखें—जसवंतसिंह कंवल—74
9. मंगो—संतोखसिंह धीर—86
10. रंग में भंग—कुलवंतसिंह विर्क—94
11. जुलूस—महेंद्रसिंह सरना—99
12. पिंजर—साहिबसिंह गिल—106
13. सोया हुआ साँप—राम सरूप अणखी—114
14. डेड लाइन—प्रेमप्रकाश—118
15. तोताराम—जसवंतसिंह विरदी—128
16. शान-ए-पंजाब—रघुवीर ढंड—136
17. सच मानना—दलीप कौर टिवाणा—152
18. आवाज आवाज है—एन. कौर—157
19. साझा—मोहन भंडारी—165
20. श्वेत कबूतरी की तसवीर—जगजीत बराड़—179
शिक्षा : एम.ए. हिंदी, पंजाबी (स्वर्ण पदक), एम.फिल. (सर्वोत्कृष्ट), पी-एच.डी. हिंदी, स्नातकोार पत्रकारिता।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘एक ही जगह’, ‘एक गीत मौसम’, ‘कमजोर कठोर सपने’ और ‘आइने इधर भी हैं’ (कविता-संग्रह)। ‘अंजीर’ (हिंदी), ‘कथानगर’ (पंजाबी), ‘कथानगरी’ (गुजराती कहानी-संग्रह)। ‘मोहाली से मेलबर्न’ (यात्रा वृंत)। ‘दुष्यंत कुमार’ और ‘साये में धूप’। (पंजाबी से हिंदी अनुवाद) ‘बीसवीं सदी का पंजाबी काव्य’, ‘चौथी दिशा’ (साहित्य अकादमी), ‘धूप और दरिया’, ‘कौरवा सभा’, ‘अन्नदाता’ (भारतीय ज्ञानपीठ), ‘किसपहिं खोल्हू गंठडी’, संतोख सिंह धीर की कहानियाँ, एन.बी.टी. से और तेरह अन्य कृतियाँ। (हिंदी से पंजाबी अनुवाद) ‘चीख कोरे कागज विच’, ‘सुदामा दे चौल’, ‘अमृत दी खोज’, ‘श्रीअरविंद, मिट्टी ते नंगे पैर’, ‘अद्धापुल’, ‘मैनू याद है’ और सात अन्य कृतियाँ, 1962 से लेखन, प्रकाशन।
पुरस्कार-सम्मान : सौहार्द सम्मान, राष्ट्रीय कविता पुरस्कार, शिरोमणि हिंदी पुरस्कार, साहित्य अकादमी का राष्ट्रीय हिंदी अनुवाद पुरस्कार। आकाशवाणी द्वारा 1967 से, दूरदर्शन पर 1976 से प्रसारण।
यात्रा : आस्टे्रलिया, सिंगापुर और पाकिस्तान साहित कई देशों में यात्राएँ।
संपर्क : साहित्य संगम, 239, दशमेश एन्लेव, ढकौली, जीकरपुर-160104 (निकट चंडीगढ़), पंजाब।
मोबाइल : 9316001549, 9646879890, फोन : 01762-273567
इ-मेल : phulchandmanav@gmail.com