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Punya Pravah "पुण्य प्रवाह: राष्ट्र, धर्म और संस्कृति विमर्श" Book in Hindi- Jeevan S. Rajak
भारत भूमि पवित्र भूमि है। देवों की जन्म स्थली है। भारतवर्ष की अद्यतन सनातन परंपरा युगों-युगों से मानव जाति के कल्याण की सूत्रधार और श्रेष्ठ जीवन की पथ-प्रदर्शक रही है। हमारी आध्यात्मिक और दार्शनिक संस्कृति में जीवन मूल्यों का निरूपण बहुत ही सुन्दरतम रूप में किया गया है। इसमें संदेह नहीं है कि भारतवर्ष में कई वि देशी जातियाँ आईं और यहाँ आकर बस गईं। देश के मूल नि वासियों के आचार-विचार, रहन-सहन आदि पर उनका प्रभाव भी पड़ा, किंतु भारतीय संस्कृति का मूल आधार और मूल स्व रूप कभी नहीं बदला। भारत अनादि काल से हिन्दुओं का देश है। संस्कृति राष्ट्र के अस्तित्व का मूल आधार है। संस्कृति के उदयास्त से ही राष्ट्र का उदयास्त होता है। भारतवर्ष की महानता और उत्थान का मूल कारण भी भारतीय संस्कृति का सर्वात्मना पालन है।