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"हिमाच्छादित हिमालय में हड्डियाँ कँपकँपाती शीत शिवालिक में बसे देवभूमि उत्तराखंड में ऊष्मा का प्रसार करने वाले हिमालय की जीवंत ऊष्मा पुष्कर सिंह धामी में जहाँ एक तरफ पुष्कर की भाँति ठहराव, शांति, निर्मलता और स्वच्छता है तो वहीं सिंह की भाँति साहस, दृढ़ता, लगनशीलता और जागरूकता का भी समावेश है।
पर्वतीय ग्रामीण अंचल के एक साधारण से कुल में जन्म लेकर राजनीतिक परिदृश्य की विसंगतियों को दूर करने के अथक प्रयासों के साथ प्रदेश के शीर्ष पद पर पहुँचना पुष्कर सिंह धामी की असाधारण प्रतिभा को प्रतिबिंबित करता है। उनकी नेतृत्व-क्षमता की असीमता, कार्य-कुशलता की प्रवीणता व व्यक्तित्व की धीरता के गुण उन्हें लीक से हटकर विलक्षण राजनेता बनाते हैं।
यह पुस्तक धामीजी के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ उच्चारित करते हुए उत्तराखंड की पृष्ठभूमि में अंतर्निहित ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिदृश्यों को उद्घाटित करती हुई आगे बढ़ती है। यह उनके राजनीतिक सफर को व्याख्यायित करती है, मानव जीवन के तमाम पहलुओं पर प्रकाश डालती है। मुख्यमंत्री धामी के दृष्टिकोण, विचारधारा, आदर्श, कार्यशैली आदि का दिग्दर्शन करवाती है।
एक समर्पित, दूरदर्शी व जनोपयोगी नीतियों के पैरोकार, ऊर्जावान लोकसेवक पुष्कर सिंह धामी की प्रेरक जीवन-गाथा।"