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कोलन क्लासिफिकेशन (द्विबिंदु वर्गीकरण प्रणाली) डी. एस.आर. रंगनाथन द्वारा पुस्तकालय जगत् को दी गई एक अनुपम भेंट है । भारत के अनेक पुस्तकालयों में इस वर्गीकरण प्रणाली का उपयोग पुस्तकों के वर्गीकरण के लिए किया जा रहा है तथा पुस्तकालय विज्ञान के पाठ्यक्रमों में इस प्रणाली का अध्ययन भी सम्मिलित है । कोलन क्लासिफिकेशन प्रणाली एक वैज्ञानिक तथा तार्किक प्रणाली के रूप में स्थापित हो चुकी है; फिर भी इसके विभिन्न सिद्धांतों तथा प्रावधानों को कभी- कभी कठिन करार दिया जाता है । प्रस्तुत पुस्तक में कोलन क्लासिफिकेशन प्रणाली के प्रावधानों को सरल रीति से प्रस्तुत किया गया है तथा इस प्रणाली का उपयोग कर वर्गीकरण के कार्य को सुबोध बनाने का प्रयास किया गया है । आशा है, यह पुस्तक कोलन क्लासिफिकेशन प्रणाली के पठन-पाठन में सहायक सिद्ध होगी ।
डॉ. पांडेय सूरज कांत शर्मा ने पुस्तकलय विज्ञान की शिक्षा पटना, दिल्ली तथा पंजाब विश्वविद्यालयों (एम. लिब. एस-सी., पी- एच.डी.) से प्राप्त की । इसके अतिरिक्त उन्होंने राँची विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए. तथा पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कीं । पुस्तकालय विज्ञान की पत्रिकाओं में प्रकाशित प्रतिवेदनों के अनुसार डी. पांडेय भारत में पुस्तकालय विज्ञान में पी-एच.डी. करनेवाले द्वितीय तथा दो विषयों में पी- एच.डी. (हिंदी तथा पुस्तकालय विज्ञान) करनेवाले प्रथम पुस्तकालय विज्ञानी हैं ।
उनकी लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा पुस्तकालय विज्ञान से संबंधित उनके लेख देश- विदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं । वह पुस्तकालय तथा पुस्तकालय विज्ञान पर गठित अनेक अखिल भारतीय समितियों के सदस्य रहे हैं ।
डॉ. पांडेय राजा राममोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान, कलकत्ता में क्षेत्र पदाधिकारी (फील्ड ऑफीसर), आगरा विश्वविद्यालय में रीडर तथा अध्यक्ष ( पुस्तकाल्य विज्ञान विभाग) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) में पुस्तकालयाध्यक्ष, योजना आयोग में मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष एवं प्रलेखन अधिकारी तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में प्रोफेसर के वेतनमान में पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में वर्षों कार्य कर चुके हैं ।
संप्रति : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में वरिष्ठ पुस्तकालय एवं सूचना अधिकणि ।