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प्रस्तुत पुस्तक में पुस्तकालय सूचीकरण सिद्धांत के विभिन्न पक्षों का सरल हिंदी भाषा में विवरण उपस्थित किया गया है । व्यावहारिक सूचीकरण का कार्य तो आजकल कंप्यूटर की सहायता से भी कुछ सीमा तक सुविधाजनक रूप में चलाया जा रहा है, परंतु सैद्धांतिक अध्ययन का अपना अलग महत्त्व है । सूची एक प्रकार से पुस्तकालय की कुंजी है, जिसकी सही परिकल्पना, सही निर्माण, सही व्यवस्था तथा सही रख-रखाव के बिना पुस्तकालय में अधिगृहीत सामग्री को खोज पाना कठिन है । अत: पुस्तकालय से इच्छित लाभ प्राप्त करने तथा समीचीन पुस्तकालय सेवा चलाने के लिए पुस्तकालय सूची का सैद्धांतिक अध्ययन करना अनिवार्य है । इसी कारण पुस्तकालय विज्ञान के पाठ्यक्रमों में सूचीकरण सिद्धांत के अध्ययन को अत्यधिक महत्त्व दिया गया है । प्रस्तुत पुस्तक में पुस्तकालय सूचीकरण के विभिन्न पहलुओं; जैसे पुस्तकालय सूची की परिभाषा, इसके बाह्य तथा आंतरिक रूपों, पुस्तकालय सूचीकरण संहिताओं का इतिहास, सूचीकरण के नियमो-प्रनियमों, केंद्रीयित तथा सहकारी सूचीकरण आदि विषयों का सरल विवरण उपस्थित किया गया है ।
आशा है, यह पुस्तक पुस्तकालय सूचीकरण सिद्धांत के पठन-पाठन में सहायक सिद्ध होगी ।
डॉ. पांडेय सूरज कांत शर्मा ने पुस्तकलय विज्ञान की शिक्षा पटना, दिल्ली तथा पंजाब विश्वविद्यालयों (एम. लिब. एस-सी., पी- एच.डी.) से प्राप्त की । इसके अतिरिक्त उन्होंने राँची विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए. तथा पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कीं । पुस्तकालय विज्ञान की पत्रिकाओं में प्रकाशित प्रतिवेदनों के अनुसार डी. पांडेय भारत में पुस्तकालय विज्ञान में पी-एच.डी. करनेवाले द्वितीय तथा दो विषयों में पी- एच.डी. (हिंदी तथा पुस्तकालय विज्ञान) करनेवाले प्रथम पुस्तकालय विज्ञानी हैं ।
उनकी लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा पुस्तकालय विज्ञान से संबंधित उनके लेख देश- विदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं । वह पुस्तकालय तथा पुस्तकालय विज्ञान पर गठित अनेक अखिल भारतीय समितियों के सदस्य रहे हैं ।
डॉ. पांडेय राजा राममोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान, कलकत्ता में क्षेत्र पदाधिकारी (फील्ड ऑफीसर), आगरा विश्वविद्यालय में रीडर तथा अध्यक्ष ( पुस्तकाल्य विज्ञान विभाग) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) में पुस्तकालयाध्यक्ष, योजना आयोग में मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष एवं प्रलेखन अधिकारी तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में प्रोफेसर के वेतनमान में पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में वर्षों कार्य कर चुके हैं ।
संप्रति : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में वरिष्ठ पुस्तकालय एवं सूचना अधिकणि ।