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Raaggiri   

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Author Shri Girijesh Kumar , Shivendra Kumar Singh
Features
  • ISBN : 9789353225070
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Shri Girijesh Kumar , Shivendra Kumar Singh
  • 9789353225070
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2019
  • 224
  • Hard Cover

Description

किस्से-कहानियाँ किसे पसंद नहीं। और वो भी ऐसे किस्से, जिन्हें सुनते हुए कोई मीठा सा गीत पार्श्व संगीत बनकर बजने लगे, आँखों के सामने कुछ चहेते चेहरे अनायास तैरने लगें। ऐसे किस्से, जिन्हें पढ़ते हुए आप पहुँच जाएँ किसी सिद्ध संगीतज्ञ के म्यूजिक रूम में। वह म्यूजिक रूम, जहाँ आनेवाले कल का कोई सदाबहार नगमा आकार ले रहा है, जहाँ गीत-संगीत के रचनाकारों के बीच सुरीला संवाद हो रहा है, जहाँ साज और आवाज की सोज भरी जुगलबंदी हो रही है। अकसर देखा गया है कि शास्त्रीय रागों की बात भी बड़े शास्त्रीय तरीके से की जाती है, लेकिन ‘रागगीरी’ का अंदाज बिल्कुल अलग है। यहाँ किस्सा भले ही शुरू होता है किसी राग के बहाने, लेकिन पढ़नेवाला पहुँच जाता है किसी जाने-पहचाने गीत की गंगोत्तरी पर।

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अनुक्रम

किस्सा-ए-राग‌गीरी —Pgs.7

शब्दावली —Pgs.11

आभार —Pgs.15

1. राग केदार —Pgs.21

2. राग किरवानी —Pgs.24

3. कौशिक कांहड़ा —Pgs.27

4. राग कामोद —Pgs.30

5. राग काफी —Pgs.33

6. राग कलावती —Pgs.36

7. राग खंबावती —Pgs.39

8. राग खमाज —Pgs.42

9. गुर्जरी तोड़ी —Pgs.45

10. राग गारा —Pgs.48

11. राग गौड़ मल्हार —Pgs.51

12. राग गौड़ सारंग —Pgs.54

13. राग गावती —Pgs.57

14. राग गोरख कल्याण —Pgs.60

15. राग चारुकेशी —Pgs.63

16. राग छायानट —Pgs.66

17. राग जोग —Pgs.69

18. राग जौनपुरी —Pgs.72

19. राग जोगिया —Pgs.75

20. राग झिंझोटी —Pgs.78

21. राग तिलक कामोद —Pgs.81

22. राग तिलंग —Pgs.84

23. राग तोड़ी —Pgs.87

24. राग देवगांधार —Pgs.90

25. राग दुर्गा —Pgs.93

26. राग दरबारी कांहड़ा —Pgs.96

27. राग देस —Pgs.100

28. राग देसी —Pgs.104

29. राग नंद —Pgs.106

30. राग पूर्वी —Pgs.108

31. राग पहाड़ी —Pgs.110

32. राग परज —Pgs.113

33. राग पटदीप —Pgs.116

34. राग पीलू —Pgs.119

35. पूरिया धनाश्री —Pgs.122

36. राग बसंत —Pgs.124

37. राग बिहाग —Pgs.127

38. राग बागेश्री —Pgs.130

39. राग बसंत मुखारी —Pgs.133

40. राग भैरव —Pgs.136

41. राग भैरवी —Pgs.139

42. राग भटियार —Pgs.142

43. राग भीमपलासी —Pgs.145

44. राग भिन्न षड़ज —Pgs.148

45. राग भूपाली —Pgs.150

46. राग भूपेश्वरी —Pgs.153

47. राग मियाँ की मल्हार —Pgs.156

48. राग मुल्तानी —Pgs.159

49. राग मधमाद सारंग —Pgs.162

50. राग मालगुंजी —Pgs.165

51. राग मालकौंस —Pgs.168

52. राग मांड —Pgs.172

53. राग मारू बिहाग —Pgs.175

54. राग मारवा —Pgs.178

55. राग मेघ —Pgs.181

56. राग मिश्र भैरवी —Pgs.184

57. राग यमन —Pgs.187

58. राग रागेश्री —Pgs.190

59. राग ललित —Pgs.193

60. राग विभास —Pgs.196

61. राग वृंदावनी सारंग —Pgs.199

62. राग शिवरंजनी —Pgs.202

63. राग शुद्ध कल्याण —Pgs.205

64. राग शंकरा —Pgs.208

65. राग सोहनी —Pgs.211

66. राग हमीर —Pgs.214

संदर्भ-ग्रंथ —Pgs.217

संदर्भिका —Pgs.219

The Author

Shri Girijesh Kumar

गिरिजेश कुमार
प्रयाग संगीत समिति से ग्वालियर घराने के पं. शांताराम विष्णु कशालकर के मार्गदर्शन में शास्त्रीय गायन में संगीत प्रवीण की उपाधि। लंबे समय तक किराना घराने के कलाकार उस्ताद आरिफ अली से भी तालीम ली। बीस से ज्यादा नाटकों में संगीत निर्देशन, लेकिन पेशे से टी.वी. पत्रकार। आकाशवाणी संगीत सम्मेलन समेत राष्ट्रीय स्तर के कई कार्यक्रमों में प्रस्तुतियाँ। पिछले 20 साल से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में संगीत से जुड़े विषयों पर लगातार लेखन।

Shivendra Kumar Singh

शिवेंद्र कुमार सिंह
जन्म 1978 में प्रयागराज में। लिखने-पढ़ने का शौक वहीं से लगा। नौकरी के लिए नोएडा आए। अमर उजाला, जी न्यूज, स्टार न्यूज और एबीपी न्यूज में पंद्रह साल तक नौकरी की। इस दौरान लंबे अरसे तक खेल पत्रकारिता की। क्रिकेट विश्व कप से लेकर ओलंपिक तक कवर किया। इसके बाद नौकरी छोड़कर स्वतंत्र पत्रकारिता के रास्ते पर आए। नौकरी छोड़ने की वजह बनी—रागगीरी। अपनी अगली पीढ़ी में शास्त्रीय संगीत के संस्कार डालने की कोशिश में जो मुहिम शुरू की वही रागगीरी है; प्रयास अनवरत जारी है।
इ-मेल : raaggiri@gmail.com
ट्विटर : raaggiri

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