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रहस्य आभामंडल का’ पुस्तक अपने आप में आध्यात्मिक चिंतन परंपरा की सर्वोत्तम परिणति है। आभामंडल के विषय में यह न केवल भारत के, अपितु समग्र विश्व के जिज्ञासुओं का सदैव मार्गदर्शन करेगी। आभामंडल क्या है? उसको जानने की जिज्ञासा ही हमें उसकी ओर अग्रसर करती है। जिस तरह ‘ब्रह्मसूत्र’ का आरंभ ‘अथातो ब्रह्मजिज्ञासा’ नामक प्रथम सूत्र से होता है, वैसा ही आरंभ यहाँ पर ‘अथातो आभामंडल जिज्ञासा’ के द्वारा होता जान पड़ता है।
आभामंडल को हम कैसे परखें? इस विषय का बड़े ही वैज्ञानिक ढंग से निरूपण किया गया है। मंत्र-ध्वनि द्वारा आभामंडल की अनुभूति हो सकती है। अपने मंगलमय ‘सुमनसा स्याम’ और ‘सपन्नोऽहं स्याम’ जैसे संकल्पों द्वारा हम सदैव प्रसन्न और संपन्न रह सकते हैं। तत्पश्चात् स्वस्थ, चमकीले और प्राणवान् आभामंडल का विस्तृत परिचय दिया गया है। हमारी शारीरिक व मानसिक बीमारियों का मु?य कारण हमारी नकारात्मक विचारधारा और अवसाद (डिपे्रशन) है। अब प्रश्न उठता है कि अपने सूक्ष्मातिसूक्ष्म आभामंडल को हम कैसे देखें? आभामंडल को देखना और समझना असंभव तो नहीं है, लेकिन मन की चंचलता के कारण कठिन अवश्य है। श्वास पे्रक्षा तथा प्राणायाम के माध्यम
से इसको देखने का अभ्यास किया जा सकता है।
जन्म : 3 नवंबर, 1936 राजस्थान के बीकानेर जिले के मोमासर कस्बे में।
सोलह वर्ष की किशोरावस्था में आचार्य तुलसी के कर-कमलों से मोमासर में दीक्षा ली। देश के विभिन्न अंचलों से गुजरकर उन्होंने योग, प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान का प्रशिक्षण लाखों व्यक्तियों, अध्यापकों और विद्यार्थियों को दिया है। इनकी निष्काम और अहर्निश सेवा-भावना से प्रसन्न होकर अणुव्रत अनुशास्ता तुलसी ने इनका मूल्यांकन करते हुए प्रेक्षा प्राध्यापक का अलंकरण प्रदान किया। आचार्य महामण ने ‘शासना’ से समानित किया।
जीवन निर्माण एवं स्वस्थ जीवन शैली के प्रयोगों से परिपूर्ण जीवन विज्ञान की पाठ्य-पुस्तकों का कक्षा 1 से 12 तक का निर्माण किया। बी.ए. की पुस्तकों के निर्माण में भी इनका अपूर्व योगदान रहा। प्रेक्षाध्यान जीवन विज्ञान योग के प्रशिक्षकों का निर्माण किया। आज जीवन निर्माण में अहर्निश लगे हुए हैं।
कृतियाँ : ‘योग से बदलें जीवन शैली’, ‘स्वास्थ्य के लिए योग’, ‘साधना प्रयोग और परिणाम’, ‘प्रज्ञा की प्रक्रिया’, ‘प्रेक्षाध्यान, आसन प्राणायाम’, ‘यौगिक क्रियाएँ’। इनके अलावा नशा-मुक्ति, तनाव-मुक्ति के क्षेत्र में इनका अभिनव योगदान है।