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प्रस्तुत उपन्यास ‘रहस्यमय टापू’ अंग्रेजी के प्रख्यात साहित्यकार रॉबर्ट लुइस स्टीवेंसन के प्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यास ‘ट्रैजर आइलैंड’ का हिंदी रूपांतरण है। जब वर्ष 1883 में यह पहली बार प्रकाशित हुआ तब पाठकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हुआ था। यह एक बेहद रोचक-रोमांचक एवं साहसपूर्ण कथा है। उपन्यास का किशोर नायक जिम जिस प्रकार खजाने की खोज में निकलता है और समुद्र के बीच एक निर्जन टापू पर खूँखार डाकुओं का सामना करता है, वहीं कदम-कदम पर हैरतअंगेज घटनाओं से उसका सामना होता है। उपन्यास के मध्य ऐसी रोमांचक घटनाएँ घटती हैं जिन्हें पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह प्रत्येक वय के पाठकों के लिए पठनीय और मनोरंजनपूर्ण है।
यह उपन्यास विश्व के अमर ग्रंथों (वर्ल्ड क्लासिक्स) में गिना गया है। प्रकाशन के सवा सौ वर्षों के पश्चात् स्टीवेंसन का यह उपन्यास आज भी अत्यंत लोकप्रिय है।
13 नवंबर, 1850 को जनमे रॉबर्ट लुइस स्टीवेंसन अंग्रेजी के सुविख्यात साहित्यकार थे। उन्होंने जब अपने इस उपन्यास को मूल अंग्रेजी में ‘ट्रैजर आइलैंड’ के नाम से लिखा था तब वे एक निबंधकार, कवि और उपन्यासकार के रूप में विख्यात हो चुके थे। ‘डॉ. जेकल ऐंड मिस्टर हाइड’, ‘किडनैप्ड’ एवं ‘द मास्टर ऑफ बेलेंट्रे’ नामक उनके उपन्यास भी काफी प्रसिद्ध हुए; परंतु साहित्य में उन्हें अमरत्व प्रदान किया उनके किशोर उपन्यास ‘ट्रैजर आइलैंड’ ने। स्टीवेंसन ने इस उपन्यास को सन् 1881 में मात्र पंद्रह दिनों में लिख दिया था, जो 1883 में प्रकाशित हुआ। वे क्षय रोग से ग्रस्त थे और उन दिनों क्षय रोग का कोई उपचार नहीं था। उस समय स्टीवेंसन तैंतीस वर्ष के थे। मात्र चौवालीस वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।