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रहें न रहें हम Rahen Na Rahen Hum - Dr. Rajesh Gupta   

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Author Dr. Rajesh Gupta
Features
  • ISBN : 9789355215062
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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More Information

  • Dr. Rajesh Gupta
  • 9789355215062
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2023
  • 200
  • Soft Cover
  • 215 Grams

Description

‘रहें, न रहें हम’ मौजूदा अनुभवों से बिल्कुल अलग, हिंदी फिल्म संगीत और गीत की दुनिया के नायाब और अतरंगी शाहकारों से प्रभावित है। इस पुस्तक का संछिप्त विवरण देना हो तो यह वह सृजन है, जिसमें एक दिल की अलग-अलग भावनाओं को शब्द देते हुए उन संगीतबद्ध मालाओं में पिरोया गया है, जिन्हें हम जाने कब से अपनी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बना चुके हैं।

यह संग्रह एक प्रयास है, जो पूर्व-गठित सुरों में जडि़त नए अल्फाज को एक नए नजरिए से आपके समक्ष प्रस्तुत करता है। इस संग्रह की हर एक रचना ध्वन्यात्मक है। सुर और ताल से सजे, ये गैर-मामूली गीत, पढ़े जाने पर दिल के तारों को छेड़ते हुए पाठक को उसकी अपनी यादों की दुनिया में ले जाकर गुनगुनाने पर मजबूर करने की क्षमता रखते हैं।

निःसंकोच, ‘रहें, न रहें हम’ गीत और शायरी जगत् में एक ऐसा मुसाफिर है जो अपना कारवाँ खुद बनाएगा। ये सफर अत्यंत सुहाना होगा, बेशक उसकी कोई मंजिल हो, या न हो।

The Author

Dr. Rajesh Gupta

डॉ. राजेश गुप्ता एक ऐसी सख्शियत हैं, जिन्होंने दुनिया को दिखाया है कि न तो सपने देखने की कोई उम्र होती है और न ही उन सपनों को हकीकत में बदलने की। एक प्रशिक्षित चिकित्सक, जिन्होंने मेडिकल प्रैक्टिस की दुनिया से बाहर आकर, डिजिटल हैल्थ मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया। कई बडे़ प्राइवेट अस्पतालों और आई.टी. कंपनी में मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी और ऑपरेशन सँभालने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। अपने त्रुटिहीन समय प्रबंधन के लिए पहचाने जानेवाले डॉ. राजेश ने अपने गीतों, कविताओं और गजलों के माध्यम से बहुतों के दिल में एक अलग जगह बना ली है।

वर्तमान में कुवैत के ताइबा हॉस्पिटल में कार्यरत होते हुए भी उन्होंने अपने लिखने का सिलसिला जारी रखा और एक अनोखा प्रयोग करते हुए ‘रहें, न रहें हम’ का सृजन किया, जिसमें हिंदी फिल्म जगत् के सदाबहार और बेहतरीन गीतों को बेहद प्यार और सम्मान के साथ एक नई दिशा देने का सराहनीय प्रयास किया गया है। कुल मिलाकर उनकी पाँचवीं, लेकिन विश्व स्तर पर यह पहली पुस्तक होगी जहाँ मौजूदा फिल्मी गीतों की यात्रा को बिल्कुल सहज तरीके से आगे बढ़ाया गया है।

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