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प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मोहन भटनागर की ये कहानियाँ किसी कहानी-आंदोलन का हिस्सा नहीं हैं। ये वे कहानियाँ हैं, जिनका सीधा संबंध मानव के चित्त और व्यवहार के स्वभाव से है।
ये कहानियाँ, जहाँ कबीर, सूर, रहीम, मीराँ आदि के मर्म से संबद्ध हैं, वहीं विवेकानंद, अरविंद, अंबेडकर आदि के अंदरूनी पक्ष के उद्घाटन में पहली बार पहल कर रही हैं।
ये कहानियाँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं या आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों से प्रसारित होकर चर्चा के केंद्र में रही हैं।
ये कहानियाँ जहाँ अपने समय के अन्याय, अत्याचार, सुख-दुःख, हर्ष-विषाद और प्यार-घृणा को उकेरती हैं, वहीं उनके मूल कारणों की ओर भी संकेत करती हैं।
ये कहानियाँ व्यक्ति को अपने परिवार, मोहल्ले और समाज के दायित्व-बोध के अंतर्द्वंद्व को ईमानदारी से रेखांकित करती हैं और उनके चलते साधारण-से-साधारण घटनाओं से बनते चारित्रिक ‘ओरा’ का अनुभव कराने का प्रयास भी करती हैं।
कुल मिलाकर पठनीयता और रोचकता से भरपूर हैं ये लोकप्रिय कहानियाँ।
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अनुक्रम
भूमिका—
हिंदी कहानी का बदलता चरित्र और मेरी कहानियाँ — Pgs. 7
1. सत्य के नहीं होते पंख — Pgs. 15
2. लाई — Pgs. 23
3. अक्स का सच — Pgs. 33
4. बिच्छू पौधा — Pgs. 46
5. इनसाफ — Pgs. 50
6. प्रतीक्षा — Pgs. 60
7. जड़ों की तलाश — Pgs. 72
8. सूराऽऽऽ — Pgs. 87
9. अजगर — Pgs. 102
10. पत्थरों से रोशनी फूटेगी — Pgs. 111
11. सुराज की ओर... 125
12. मौसम का वसंत — Pgs. 131
13. अंतस की पुकार — Pgs. 136
14. गंगा — Pgs. 147
15. आबेहयात है ये ज़िंदगी — Pgs. 152
16. गौरैया — Pgs. 159
17. किस्सा एक एफ.आई.आर. का
प्रकाशन : 13 कहानी संग्रह, 67 उपन्यास, 14 नाटक आदि और उनमें झाँकती सूरतें अपना नाम कुछ इस तरह बताती हैं और कुछ बतियाती हैं—‘गोरांग’, ‘नीले घोड़े का सवार’, ‘देश’, ‘न गोपी, न राधा’, ‘विवेकानंद’, ‘दिल्ली चलो’, ‘रास्ता यह भी है’, ‘स्वराज्य’, ‘सूरश्याम’, ‘सरदार’, ‘कुली बैरिस्टर’, ‘प्रेम दीवानी’, ‘अंतिम सत्याग्रही’, ‘बस्ती का दर्द’, ‘चाणक्य की हार’, ‘रक्तध्वज’, ‘कायदेआजम’, ‘परछाइयाँ’, ‘अगस्त क्रांति’, ‘संध्या का भोर’, ‘जोगिन’, ‘महात्मा’, ‘अंतहीन युद्ध’, ‘मसरी मानगढ़’, ‘तामपत्र’, ‘सर्वोदय’, ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’, ‘राज राजेश्वर’, ‘योगी अरविंद’, ‘शामली’ आदि।
सम्मान-पुरस्कार : ‘मीरा पुरस्कार’, राजस्थान साहित्य अकादमी का ‘सर्वोच्च पुरस्कार’, अखिल भारतीय समर स्मृति साहित्य पुरस्कार, महाराजा कुंभा पुरस्कार, विशिष्ट साहित्यकार सम्मान, घनश्यामदास सहल सर्वोत्तम साहित्य पुरस्कार, नाहर सफान साहित्य पुरस्कार आदि।अंग्रेजी, फ्रेंच, गुजराती, कन्नड़, मराठी, उडि़या आदि भाषाओं में अनुवाद।