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आधुनिक भारतीय राजनीति और समाज में गोविंदाचार्य ने एक लोक संबद्ध समाजसेवी, राजनीतिकर्मी और चिंतक के रूप में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक चिंतन के ठहराव को गोविंदाचार्य के विचार गतिशीलता के लिए प्रेरित करते हैं, गतिरोध को तोड़ते हैं। वर्तमान भारतीय समाज को बदहाली से मुक्त करने के लिए उन्होंने नितांत मौलिक चिंतन के द्वारा नए रास्ते सुझाए हैं। अगर अपनी दलीय सीमाओं से ऊपर उठकर गोविंदाचार्य के सुझाव पर विचार किया जा सके तो अनेक सार्थक निष्कर्ष सामने आएँगे।
यह पुस्तक गोविंदाचार्य की राजनैतिक यात्रा का रेखाचित्र है। यह उनकी जीवनी नहीं है। संस्मरण भी नहीं है। इसमें गोविंदाचार्य को केंद्र में रखकर पिछले 50 वर्षों की राजनीति के संसार को समझने की कोशिश की गई है।
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अनुक्रम
संपादकीय
पुरोकथन —Pgs. 7
खंड-1
समय और जीवन
1. अपना विश्वविद्यालय (1964-1974) —ब्रजेश कुमार —Pgs. 21
2. संघर्ष और रचना (1975-1988) —हिमांशु शेखर —Pgs. 38
3. दलीय राजनीति के प्रसंग-1 (1988-1993) —मनोज के. झा —Pgs. 63
4. दलीय राजनीति के प्रसंग-2 (1994-2000) —मनोज के. झा —Pgs. 91
5. अध्ययन अवकाश की उपलब्धियाँ (2000-2003) —राकेश सिंह —Pgs. 116
6. स्वाभिमान आंदोलन से आजतक (2004-2019) —विमल कुमार सिंह —Pgs. 138
7. गोविंदाचार्य : क्रमशः जीवन —Pgs. 193
खंड-2
सवालों के सामने चर्चित मुद्दे और गोविंदाचार्य से बातचीत
साक्षात्कार
• भाजपा से विदाई : खबरें और रामबहादुर राय द्वारा साक्षात्कार —Pgs. 199
• आर्थिक हमलावरों से देश को बचाइए (बातचीत : राजेश कौशिक, 2000 ई.) —Pgs. 210
• राजनीति छोड़ने का फैसला अंतिम (श्यामलाल यादव, 2003) —Pgs. 213
• भारतीय समाज सिर्फ सत्ता आधारित नहीं (हर्षित जैन, 2005) —Pgs. 218
• समाज आगे और सत्ता पीछे, तभी होगा विकास (विमल कुमार सिंह और ब्रजेश कुमार, 2007) —Pgs. 221
• समानांतर राजनीतिक आंदोलन का समय (मनोज के. झा, 2007) —Pgs. 228
• जनप्रतिनिधि का फैसला आलाकमान नहीं, जनता करे (गोविंद सिंह, 2007) —Pgs. 232
• व्यवस्था परिवर्तन है मेरा लक्ष्य (हिमांशु शेखर, 2008) —Pgs. 237
• देश को सार्थक विपक्ष चाहिए (विमल कुमार सिंह और विवेक त्यागी, 2011) —Pgs. 243
• अध्ययन अवकाश पर जाने के सिलसिले में पार्टी को लिखा गया पत्र —Pgs. 264
• बाजारवाद की अंधी गली : निकलने का रास्ता —Pgs. 266
• गोविंदाचार्य के सवाल टाले नहीं जा सकते : रामबहादुर राय —Pgs. 272
• बिंदु-बिंदु विचार : गोविंदाचार्य —Pgs. 277
• समय के सवाल : गोविंदाचार्य —Pgs. 280
परिशिष्ट
परिशिष्ट-1
प्रस्थान (अध्ययन अवकाश से लौटने के बाद गोविंदाचार्य का पहला सार्वजनिक भाषण) —Pgs. 289
परिशिष्ट-2
राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन का स्वरूप —Pgs. 308
परिशिष्ट-3
वे दिन, वे लोग —Pgs. 317