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Raksha Vigyan   

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Author Manmohan Bala
Features
  • ISBN : 9789351866428
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Manmohan Bala
  • 9789351866428
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 228
  • Hard Cover
  • 300 Grams

Description

आदिकाल से युद्धों ने अनेक ऐसी प्रौद्योगिकियों को जन्‍म देने में विशेष भूमिका निभाई है, जो सभ्यता के विकास में भी महत्त्वपूर्ण रही हैं। उन्नीसवीं शताब्दी में हुई औद्योगिक क्रांति से सैन्य प्रौद्योगिकी में मूलभूत परिवतन आए थे, जो कंप्यूटर के विकास के साथ अब त्‍वरित गति से बदल रही है।
1991 में हुए खाड़ी युद्ध ने इस परिवर्तित प्रौद्योगिकी के आयुधों द्वारा भविष्य के युद्धों' की एक झाँकी प्रस्तुत की है। उच्च प्रौद्योगिकी के कारण ही हम सब इस युद्ध को अपने ड्राइंगरूम से देख सके हैं।
यह पुस्तक रक्षाविदों, रक्षा विज्ञान के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों के लिए तो उपयोगी है ही, साथ ही जनसाधारण तथा भविष्य की पीढ़ियों को परिवर्तित होती इस युद्ध प्रौद्योगिकी की जानकारी देने में भी सहायक सिद्ध होगी।

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विषय सूची

प्राक्कथन — Pgs. 7

प्रस्तावना — Pgs. 9

अपनी बात — Pgs. 11

1. युद्ध, विज्ञान एवं तकनालॉजी की पारस्परिक निर्भरता — Pgs. 19

2. भारतीय रक्षा उद्योग, अनुसंधान एवं विकास — Pgs. 39

3. मार्गदर्शित प्रक्षेपास्त्र — Pgs. 69

4. इलेक्ट्रॉनिकी तथा सूचना युद्ध — Pgs. 98

5. अंतरिक्ष तकनालॉजी तथा उसका सैनिक महत्त्व — Pgs. 115

6. न्यूक्लीय, रासायनिक तथा जैविक शस्त्र — Pgs. 142

7. युद्ध तकनालॉजी का बदलता स्वरूप — Pgs. 167

परिशिष्ट :

2.1 भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाएँ तथा उनके नियत कार्य — Pgs. 211

2.2 भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास की प्रमुख उपलब्धियों की सूची — Pgs. 218

4.1 इलेक्ट्रॉनिकी युद्ध का वर्गीकरण — Pgs. 220

6.1 भारत के न्यूक्लीय पावर स्टेशन — Pgs. 222

7.1 हलके लड़ाकू विमान की बाह्य ज्यामिति — Pgs. 224

7.2 विश्व के प्रमुख नवीनतम टैंकों का तुलनात्मक अध्ययन — Pgs. 226

7.3 विश्व के प्रमुख युद्धक टैंकों का तुलनात्मक अध्ययन — Pgs. 228

The Author

Manmohan Bala

विंग कमांडर डॉ. मनमोहन बाला ( से. नि.) का जन्म सन् 1935 में लखनऊ मे हुआ। सन् 1957 में लखनऊ से एम. एस- सी. फिजिक्स एवं सन् 1962 में इलाहाबाद से पी- एच. डी. करने के बाद भारत- चीन युद्ध 1962 से प्रेरित होकर देश सेवा हेतु भारतीय वायु सेना में कमीशन लिया। सन् 1965 एवं 1971 के भारत- पाक युद्धों में पदक प्राप्‍‍त किए। सन् 1979 -86 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की देहरादून ‌स्‍थ‌ित इलेक्ट्रॉनिकी प्रयोगशाला (DEAL) मे महत्त्वपूर्ण कार्य किए। रेल इंडिया टेक्न‌िकल एंड इकॉनामिक र्सार्वेसेज (RITES) की टीम में विशेषज्ञ ( दूर- संचार एवं राडार) की हैसियत से यमन के अदन एयरपोर्ट को उन्नत बनाने के सुझाव दिए। रुड़की इंजीनियारिंग कॉलेज, रुड़की ( भारत) एवं मिलिट्री इंजीनियारिंग कॉलेज, बगदाद ( इराक) मै विजिटिंग प्रोफेसर रहे।
राष्‍ट्रीय स्तर की पत्र- पत्रिकाओं में एक सौ पचास से अधिक तकनीकी तथा अन्य विषयों पर हिंदी एवं अंग्रेजी में लेख प्रकाशित। कविता, कहानी एवं नाटक का भी लेखन किया। हिंदी नाटकों में अभिनय एवं निर्देशन का भी अनुभव।
संप्रति : भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड एंड टेक्‍नोलॉजी कार्पोरेशन के वरिष्‍ठ परामर्शदाता एवं आई ई टी ई ( दिल्ली) के मानद‍् सचिव हैं।

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