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दशकों में कोई ऐसी पुस्तक आती है, जो जन-मानस को झकझोर देती है और उनमें एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर उन्हें जीवन की सफलता की ओर ले जाती है।
यह मनोरंजक एवं शिक्षाप्रद उपन्यास भी इसी कार्य के लिए सरल भाषा एवं सूक्ष्म विवेचन के माध्यम से पाठकों के जीवन में एक महान् सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रस्तुत है।
पुस्तक के कुछ मुख्य बिंदु हैं— ईश्वर की उत्पत्ति का रहस्य, प्यार का हमारे जीवन में महत्त्व और उसकी उपयोगिता (उसका सच्चा स्वरूप क्या है?), एक इन्सान भगवान कैसे बन सकता है, इन्सान के जीवन में ध्यान और मंत्र का महत्त्व, जीवन के अन्य रहस्यमयी पहलुओं का रहस्योद्घाटन एवं रामायण के कई अन्य अनसुलझे रहस्य।
पाठकों के सुझाव सादर आमंत्रित— surajsumitpatel@gmail.com
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अनुक्रम
लेखकीय — Pgs. 7
प्राक्कथन — Pgs. 9
1. महर्षि और राक्षस प्रजाति — Pgs. 13
2. रावण का जन्म और उसका रहस्य — Pgs. 19
3. कौशल प्रांत और रघुवंश — Pgs. 24
4. रक्षक का जन्म — Pgs. 39
5. गुरुकुल — Pgs. 45
6. रावण की पराजय — Pgs. 49
7. रहस्यमयी वानर प्रजाति और उसके महाबलशाली राजा का रहस्य — Pgs. 51
8. ईश्वर का रहस्य — Pgs. 60
9. रक्षक की कमजोरी — Pgs. 66
10. गुरुकुल पर आक्रमण — Pgs. 72
11. शब्दभेदी बाण और रक्षक की अयोग्यता — Pgs. 82
12. महान् प्रतियोगिता और रक्षक की खोज — Pgs. 89
13. रक्षक का सामने आना — Pgs. 91
14. रक्षक की परीक्षा-1 — Pgs. 101
15. तंत्र ज्ञान का रहस्य — Pgs. 106
16. रक्षक का तंत्र ज्ञान — Pgs. 109
17. मंत्रों का रहस्य — Pgs. 114
18. महान् स्वयंवर — Pgs. 117
19. मिथिला प्रांत और पत्थर की एक माता का रहस्य — Pgs. 119
20. रक्षक का प्रेम — Pgs. 123
21. सच्चे प्रेम की शक्ति और रक्षक का विवाह — Pgs. 131
22. रहस्यमयी भिखारी का रहस्य और रक्षक की परीक्षा-2 — Pgs. 146
23. पुत्र मोह और रक्षक का वनवास — Pgs. 151
24. भयानक दंडकारण्य वन और विशाल उकाव — Pgs. 166
25. क्रोध और कष्ट — Pgs. 170
26. सुमेरु पर्वत का रहस्यमयी राजा — Pgs. 174
27. रावण का षड्यंत्र और रक्षक का दुःख — Pgs. 178
सूरज पटेल का जन्म 21 दिसंबर, 1995 को ग्राम विशुनपुर, जिला अंबेडकर नगर (उ.प्र.) में हुआ। जीवन में घटित कुछ अद्भुत घटनाओं के कारण उनके मन-मस्तिष्क एवं आध्यात्मिक चेतना का तीव्रतर विकास हुआ, जो लगातार ज्ञान-प्राप्ति के कारण और अधिक उत्कर्ष को प्राप्त करता जा रहा है।