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"श्री भागवत परिवार, मुंबई भारतीय संस्कृति एवं संस्कार को समर्पित है। इसकी स्थापना देश के मूर्धन्य संतों, विद्वानों, विचारकों से पोषित तुलसी पंचशती समारोह, 1998 में भारत के परम पूज्य, संत शिरोमणि अनंतश्री विभूषित श्री रामानंदाचार्य पूज्यपाद श्री रामभद्राचार्यजी के आशीर्वाद से की गई थी।
सन् 1998 में श्री भागवत परिवार द्वारा आयोजित तुलसी पंचशती समारोह नौ दिनों तक चला था और उसने सांस्कृतिक आयोजनों की मालिका में मुंबई महानगर में एक विशिष्ट स्थान बनाया था।
सन् 2001 में मॉरीशस की संसद् ने मॉरीशस में 'रामायण गुरु' के रूप में विख्यात स्व. श्री राजेंद्र अरुणजी की प्रेरणा से रामायण सेंटर अधिनियम को सर्वानुमति से पारित करके रामजी के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा का परिचय दिया था। इसी अधिनियम के अंतर्गत रामायण सेंटर के परिसर में आध्यात्मिक केंद्र के रूप में श्रीराम मंदिर का निर्माण किया गया, जिसका शिलान्यास मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगनाथ व मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी उन्हीं के करकमलों से संपन्न हुई। आज यह मंदिर मॉरीशस के सबसे बड़े मंदिर के रूप में जाना जाता है। यहाँ यह उल्लेख करना समीचीन है कि मॉरीशस के श्रीराम मंदिर के निर्माण में श्री भागवत परिवार, मुंबई ने भारत की ओर से अपना विनम्र सहयोग प्रदान किया था और भारत-मॉरीशस सांस्कृतिक संबंधों को पुष्ट करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।"