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Ramanand Sagar Ke Jeevan Ki Akath Kahani   

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Author Prem Sagar
Features
  • ISBN : 9789390378418
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Prem Sagar
  • 9789390378418
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2021
  • 348
  • Soft Cover

Description

25 जनवरी, 1987 को ‘रामायण’ के पहले एपिसोड के प्रसारण के साथ ही भारतीय टेलीविजन हमेशा-हमेशा के लिए बदल गया। कुछ ही सप्ताह में पूरा देश इस सीरीज के आकर्षण में बँध गया। ‘रामायण’ के प्रसारण के दौरान सड़कें सूनी हो जाती थीं। सीरियल के समय पर न तो शादियाँ रखी जाती थीं, न राजनीतिक रैलियाँ। आज, तीन दशक बाद भी ऐसा कुछ नहीं जो उसका मुकाबला कर सके।
इस अद्भुत घटना के सूत्रधार और बॉम्बे के सफल फिल्म निर्माता रामानंद सागर टेलीविजन की बेहिसाब क्षमता को पहचानने वाले कुछ प्रारंभिक लोगों में शामिल थे। पहली बार उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा राज कपूर की ‘बरसात’ (1949) के लेखक के रूप में मनवाया था। सन् 1961 से 1970 के दौरान सागर ने लगातार छह सिल्वर जुबली हिट्स लिखीं, प्रोड्यूस और डायरेक्ट कीं—‘घूँघट’, ‘जिंदगी’, ‘आरजू’, ‘आँखें’, ‘गीत’ और ‘ललकार’।
‘रामानंद सागर के जीवन की अकथ कहानी’, उनके पुत्र, प्रेम सागर की लिखी पुस्तक है, जो एक पुरस्कृत सिनेमेटोग्राफर हैं। यह पुस्तक एक दूरदर्शी के जीवन पर गहराई से नजर डालती है। इसमें 1917 में कश्मीर में सागर के जन्म और फिर 1947 में जब पाकिस्तानी कबाइलियों ने राज्य पर हमला किया तो किसी प्रकार वहाँ से बचकर निकलने से लेकर उनके बॉम्बे आने और उनके गौरवशाली कॅरियर का वर्णन है, जिसके सिर पर कामयाबी के ताज के रूप में ‘रामायण’ धारावाहिक की ऐतिहासिक सफलता सजी है।

 

The Author

Prem Sagar

प्रेम सागर ने सिनेमेटोग्राफर के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत, पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफ.टी.आई.आई.) से अपनी पढ़ाई शानदार सफलताओं के साथ पूरी करने के तुरंत बाद, रामानंद सागर की ‘ललकार’ (1970) से की थी।
वह सागर आर्ट्स की कई मशहूर और यादगार फिल्मों के साथ सिनेमेटोग्राफर या टेक्निकल एडवाइजर के रूप में जुड़े रहे, जिनमें ‘चरस’, ‘बगावत’, ‘हमराही’, ‘प्यारा दुश्मन’, ‘अरमान’, ‘जलते बदन’, ‘बादल’, ‘प्रेम बंधन’ और ‘सलमा’ शामिल हैं। उसके बाद वह ‘हम तेरे आशिक हैं’ के साथ डायरेक्टर बन गए।
अस्सी के दशक में, प्रेम सागर ने भारतीय टेलीविजन के पहले फंतासी सीरियल, ‘विक्रम और बेताल’ का निर्माण और निर्देशन किया। ‘रामायण’ सीरियल के साथ सागर करीब से जुड़े थे। ‘श्री कृष्णा’, ‘साईं बाबा’, ‘पृथ्वीराज चौहान’ और ‘चंद्रगुप्त मौर्य’, ‘जय माँ दुर्गा’, ‘महिमा शनि देव की’, ‘जय-जय-जय बजरंग बली’ और ‘बसेरा’ जैसे धारावाहिकों के साथ अलग-अलग भूमिकाओं में जुड़े रहने के कारण प्रेम सागर का टेलीविजन कॅरियर बेहद कामयाब रहा।
‘चरस’, ‘ललकार’, ‘हमराही’ और ‘जलते बदन’ में फोटोग्राफी के डायरेक्टर के रूप में प्रेम सागर को कुल मिलाकर पंद्रह अवार्ड मिले। साथ ही, स्टिल फोटोग्राफी में कई उपलब्धियाँ उन्होंने अपने नाम कीं। उन्हें अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठित पुरस्कारों से विभूषित किया जा चुका है।

 

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