नागालैंड की धरती की रत्न रानी गाइडिन्ल्यू के जीवन के बहुत सारे पक्ष थे । वे बहुत अच्छी मित्र और ममतामयी माँ थीं । सबके साथ जुड़नेवाली समाजधर्मी महिला थीं । अत्यंत परिचित होते हुए भी रहस्यमय थीं । वे हमेशा अमृतर्सिधु को तलाशती रहती थीं । वह सांप्रदायिक मतवादी नहीं थोर सर्वधम-समर्पिता थीं । उनका दृष्टिकोण और निष्ठा अद्भुत थी । फिर भी उनकी अतर्निहित पीडा को अनदेखा नहीं किया जा सकता । वे दमन, उत्पीड़न तथा विवशता के दुशाले में लिपटी चिंतनशील नारी थीं । संघर्ष उनके ओंसुओं पर निर्मित रक्तरंजित इतिहास बन गया था ।
नागालैंड और नागा जनजाति की अद्भुत आदिसंस्कृति, रीति-रिवाज, उनके ऐतिहासिक ज्ञान आदि को प्राप्त करने की पाठ्य सामग्री की कमी को देखते हुए इस पुस्तक को हिंदी पाठकों के लिए लिखा गया है ।