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"राष्ट्रीय चेतना की अभिव्यक्ति' में प्रो. (डॉ.) राजेंद्र प्रसाद गुप्ता द्वारा समय-समय पर लिखे गए समसामयिक आलेखों को संगृहीत किया गया है। उन्होंने 'राष्ट्र प्रथम' के भाव से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विमर्शों को वाणी दी है। उनके ये आलेख राष्ट्रीय ख्याति की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक विमर्श के विषय बनते रहे हैं। इस पुस्तक में 36 आलेखों के माध्यम से राष्ट्रहित और राष्ट्रप्रेम की अभिव्यक्ति हुई है। ये सभी आलेख राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत हैं। इन आलेखों के माध्यम से राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान सुनिश्चित होती है और 'स्व' का जागरण होता है।
इन आलेखों को तीन श्रेणियों में विभक्त किया गया है- समसामयिक विमर्श, वैचारिकी और सामाजिकी। राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करनेवाले तत्त्वों की मुखर अभिव्यंजना, भारतीय मूल्यों और मर्यादाओं का संरक्षण, राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्य की भावना, राष्ट्रीय धरोहर और समृद्ध परंपराओं के प्रति गर्व की अनुभूति, राष्ट्रीय जीवन-मूल्यों और सिद्धांतों का संपोषण, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्र- राग से अनुप्राणित विचारों का चिंतन इत्यादि। भारतीयता और भारत-बोध का संकल्प इन आलेखों के केंद्र में है।
यह पुस्तक संग्रहणीय, श्लाघनीय और प्रशंसनीय है। इससे आम पाठकों के मन-हृदय में राष्ट्र के प्रति समर्पण और सेवा का भाव उत्पन्न होगा।"