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Rashtriya Swayamsewak Sangh   

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Author Nana Deshmukh
Features
  • ISBN : 9789350480373
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Nana Deshmukh
  • 9789350480373
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 208
  • Hard Cover

Description

संघ का विश्वास है कि राजनीति किसी राष्ट्र के जीवन का अभिन्न अंग होती है, परन्तु राष्ट्र का सम्पूर्ण जीवन राजनीति ही नहीं हैं। सामाजिक परिवर्तन केवल राजनीति के माध्यम से नहीं लाए जा सकते। उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जनसाधारण की शक्ति अर्थात् लोकशक्ति को जाग्रत् करना होगा और लोकशक्ति को सत्ता की राजनीति के माध्यम से जाग्रत् नहीं किया जा सकता। सत्ता की राजनीति जीवन का सार या एकमात्र उद्देश्य नहीं है और न इसे सर्वशक्तिमान माना जा सकता है। समाज की शक्ति राज्य की शक्ति से ऊपर होती है। जब जयप्रकाश बाबू लोकशक्ति की बात करते थे और यह कहते थे कि राज्य की शक्ति जो जनता पर निर्भर करती है तो वे इसी सिद्धांत का प्रतिपादन कर रहे होते थे।

The Author

Nana Deshmukh

भारत के सार्वजनिक जीवन के तपस्वी कर्मयोगी नानाजी देशमुख राजनीति में रहकर भी जल में कमलपत्रवत् पवित्र रहने वाले एक निष्‍ठावान स्वयंसेवक थे। उनका जीवन समूचे देश की नई पीढ़ी को सतत देशभक्‍त‌ि, समर्पण व सेवा की प्रेरणा देता रहेगा।
उनका जीवन कृतार्थ जीवन था, इसलिए उनके पार्थिव का दृष्‍ट‌ि से ओझल होना मात्र शोक की बात नहीं है, बल्कि हम सभी के लिए स्वयं कृतसंकल्पित होने की बात है। उनके जीवन का अनुकरण अपने जीवन में करना, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मोहनराव भागवत
सरसंघचालक, राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ

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