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The emotional stories of the secert agents compiled in this book unveil the tragic fact that the agents mentioned therein were rewarded with hellish lives in their sunset years after they returned having ruined their youth in jails for years at length. For their livelihood, some of them had to pull rickshaws while some others had to work as labourers. Some of them were so traumatised that they lost their mental balance. But, as has been explained earlier, this is what the rule of this game is and that probably may not change in the years to come.
The life of a spy is not like that of James Bond. They are just ordinary people performing extraordinary tasks. They are never required to disclose to anybody that they are secret agents, as they are not permitted to do that.
हर्षा शर्मा—पत्रकारिता के क्षेत्र में एक मजबूत शैक्षिक पृष्ठभूमि और विविध अनुभव के साथ एक निपुण मीडिया पेशेवर हर्षा शर्मा आईपी यूनिवर्सिटी दिल्ली से बीजेएमसी डिग्री, इंडिया टुडे मीडिया इंस्टीट्यूट, नोएडा से पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा और इग्नू से अंग्रेजी में एम.ए. के साथ मीडिया जगत् में उत्कृष्टता हेतु आवश्यक ज्ञान और कौशल से संपन्न हैं। अंग्रेजी और हिंदी भाषा में विशेषज्ञता के साथ, न्यूज नेशन में एक सहायक निर्माता के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया और जल्दी ही मीडिया जगत् में अपना स्थान बना लिया। हर्षा ने दूरदर्शन कश्मीर के लिए एक फ्रीलांस एंकर के रूप में काम किया और बाद में न्यूज 18 में कॉपी एडिटर/एंकर रहीं। वर्तमान में वह एबीपी गंगा में बतौर एक न्यूज एंकर कार्यरत हैं।