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Author Sanjay Sinha
Features
  • ISBN : 9789351861812
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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  • Kindle Store

More Information

  • Sanjay Sinha
  • 9789351861812
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 343
  • Hard Cover
  • 500 Grams

Description

 मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि मेरी माँ ने ही फेसबुक की कल्पना पहली बार की थी। मार्क जुकरबर्ग तो बहुत बाद में आए फेसबुक के इस संसार को लेकर। मेरी माँ उनसे बहुत पहले से अपने लिए फेसबुक का संसार रच चुकी थी। वो इस दुनिया में बहुत कम समय तक रह पाई, लेकिन जितने भी दिन रही, रिश्ते जोड़ती रही। मैंने उसे कभी किसी से रिश्ते तोड़ते नहीं देखा। कहती थी कि रिश्ते बनाने में चाहे सौ बार सोच लो, लेकिन तोड़ने में तो हजार बार सोचना। माँ कहती थी कि एक दिन वो नहीं रहेगी लेकिन ‘रिश्ते’ रहेंगे। सब एक-दूसरे से जुदा होते चले जाएँगे, लेकिन रिश्तों का कारवाँ सबको एक-दूसरे से जोड़े रहेगा। आदमी आता है चले जाने के लिए, लेकिन रिश्ते जिंदा रहते हैं यादों में, व्यवहार में, मस्तिष्क में। 
सचमुच, माँ चली गई, फेसबुक पर माँ मिल गई। एक दिन भाई चला गया, फेसबुक पर भाई मिल गया। एक दिन मैं चला जाऊँगा, कोई मुझे फेसबुक पर ढूँढ़ लेगा।

 

The Author

Sanjay Sinha

आजतक में बतौर संपादक कार्यरत संजय सिन्हा ने जनसत्ता से पत्रकारिता की शुरुआत की। दस वर्षों तक कलम-स्याही की पत्रकारिता से जुड़े रहने के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। कारगिल युद्ध में सैनिकों के साथ तोपों की धमक के बीच कैमरा उठाए हुए उन्हीं के साथ कदमताल। बिल क्लिंटन के पीछे-पीछे भारत और बँगलादेश की यात्रा। उड़ीसा में आए चक्रवाती तूफान में हजारों शवों के बीच जिंदगी ढूँढ़ने की कोशिश। सफर का सिलसिला कभी यूरोप के रंगों में रँगा तो कभी एशियाई देशों के। सबसे आहत करनेवाला सफर रहा गुजरात का, जहाँ धरती के कंपन ने जिंदगी की परिभाषा ही बदल दी। सफर था तो बतौर रिपोर्टर, लेकिन वापसी हुई एक खालीपन, एक उदासी और एक इंतजार के साथ। यह इंतजार बाद में एक उपन्यास के रूप में सामने आया—‘6.9 रिक्टर स्केल’। सन् 2001 में अमेरिका प्रवास।

11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क में ट्विन टावर को ध्वस्त होते और 10 हजार जिंदगियों को शव में बदलते देखने का दुर्भाग्य। टेक्सास के आसमान से कोलंबिया स्पेस शटल को मलबा बनते देखना भी इन्हीं बदनसीब आँखों के हिस्से आया।

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