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गंगा के मैदान की नवीन जलोढ़ मिट्टी खादर कहलाती है। खादर मिट्टियों को सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती जबकि बांगड़ मिट्टियां में नदी के जल के प्राप्त न होने पर भूमि ऊंची होने के कारण तथा जल-तल नीचा होने से सिंचाई की आवश्यकता होती है। इन मिट्टियों में पोटाश, फॉस्फोरिक एसिड, चूना तथा जीवाश्मों की मात्रा अधिक होती है। अतः ये मिट्टियां विश्व की बहुत उपजाऊ मिट्टियां होती हैं।
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विषय-सूची
प्रैक्टिस सेट-1—1-11
प्रैक्टिस सेट-2—12-21
प्रैक्टिस सेट-3—22-33
प्रैक्टिस सेट-4—34-45
प्रैक्टिस सेट-5—46-57
प्रैक्टिस सेट-6—58-69
प्रैक्टिस सेट-7—70-83
प्रैक्टिस सेट-8—84-95
प्रैक्टिस सेट-9—96-107
प्रैक्टिस सेट-10—108-120
प्रैक्टिस सेट-11—121-132
प्रैक्टिस सेट-12—133-144
प्रैक्टिस सेट-13—145-157
प्रैक्टिस सेट-14—158-169
प्रैक्टिस सेट-15—170-181
प्रैक्टिस सेट-16—182-194
प्रैक्टिस सेट-17—195-207
प्रैक्टिस सेट-18—208-220
प्रैक्टिस सेट-19—221-234
प्रैक्टिस सेट-20—235-246
प्रैक्टिस सेट-21—247-258
प्रैक्टिस सेट-22—259-270
प्रैक्टिस सेट-23—271-282
प्रैक्टिस सेट-24—283-294
प्रैक्टिस सेट-25—295-307