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जीवन में सफाई के महत्त्व से सब भली-भाँति परिचित हैं। हम तन-मन को जितना साफ एवं स्वच्छ रखेंगे, उतना ही दीर्घ एवं सुरक्षित जीवन जीएँगे। शरीर को साफ रखने के लिए हमें दो तरह की सफाई का ध्यान रखना जरूरी है—बाहरी एवं भीतरी। बाहरी सफाई में हाथों को साफ रखना सबसे जरूरी है। हम जो भी खाते-पीते हैं, वह हाथों से होकर ही शरीर के भीतर जाता है, अतः हाथों को साफ रखना बेहद जरूरी है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2008 को ‘अंतरराष्ट्रीय सफाई वर्ष’ घोषित किया और इसी वर्ष से 15 अक्तूबर को बतौर ‘ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे’ मनाया। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य अधिक-से-अधिक लोगों को साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित करना है।
प्रस्तुत पुस्तक में साबुन से हाथ धोने के सही तरीकों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा सुझाए गए मानकों की विस्तार से चर्चा की गई है। पुस्तक का मुख्य उद्देश्य बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी हाथों की साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना है; क्योंकि हाथों की सफाई करके ही हम न केवल स्वयं को अनेक जानलेवा रोगों से बचा सकते हैं, बल्कि राष्ट्रीय संसाधनों की बचत भी कर सकते हैं।