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‘सबके राम’ पुस्तक प्रभु श्रीराम के काज में लगे लाखों कार्यकर्ताओं के मन के भाव को उजागर करनेवाली है। पुस्तक की एक-एक पंक्ति निश्चित ही देश भर के रामभक्तों के मन में प्रभु राम के प्रति श्रद्धा, प्रेम एवं उनका जीवन कैसा बने, इसकी प्रेरणा देनेवाली होगी। पुस्तक देश भर में चले ‘निधि समर्पण अभियान’ में लगे कार्यकर्ताओं के अनुभवों को अपने भीतर समाहित करती है, वहीं प्रभु राम किस प्रकार भारत के कण-कण में व्याप्त हैं, इसे भी बताती है। हम सभी को यह विदित है कि ‘निधि समर्पण अभियान’ विश्व का सबसे बड़ा अभियान रहा है, जिसने भारत के प्रत्येक हिस्से के जनमानस को यह अवसर उपलब्ध कराया कि वह भी वर्षों से प्रतीक्षित प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण का हिस्सा बन सके। इसलिए समाज के सभी वर्गों के हर आयु के बाल, युवा, महिला, पुरुष, वृद्ध ने हृदय खोलकर अपनी क्षमतानुसार निधि समर्पित की। उत्तर-पूर्व के अंतिम छोर की 95 वर्षीय महिला का समर्पण हो अथवा भारत की समुद्री सीमा एवं तटीय प्रदेश तमिलनाडु, केरल या फिर उत्तर के हिमालयी प्रदेश जम्मू-कश्मीर, लददाख आदि हों, सभी को राम-काज से जोड़ दिया। यह पुस्तक जहाँ भारत के सभी प्रांतों से प्रभु श्रीराम के संदर्भ में प्राप्त अनुभवों का संकलन है तो वहीं भारत की अस्मिता को दुनिया से परिचित करानेवाले प्रभु श्रीराम के जीवन के विभिन्न पहलुओं का भी वर्णन करती है।
डॉ. प्रवेश कुमार
शिक्षा-दीक्षा दिल्ली के सरकारी विद्यालय से हुई तथा उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से ली। अब तक 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हिंदुत्व, राष्ïïट्रभाव, जाति व सामाजिक समरसता आदि विषयों पर लेख विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में अध्यापन का कार्य कर रहे हैं।
राजीव गुप्ता
सरस्वती बाल मंदिर से स्कूली शिक्षा; पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज से इतिहास (ऑनर्स) में स्नातक; आई.सी.एफ.ए.आई. विश्वविद्यालय से मार्केटिंग और फाइनेंस विषय में एम.बी.ए.।
एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का लेखन-संपादन; इतिहास विषयक अनेक शोध-पत्र एवं समसामयिक विषयों पर सैकड़ों आलेख प्रकाशित। सहायक प्राध्यापक (इतिहास विभाग), देशबंधु कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय)।