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‘‘आप सचमुच जानना चाहती हैं?’’
मैं उसकी आँखों में झलकती दर्द की परछाइयों के बीच कुछ खोज रही थी।
‘‘कहीं आपकी हमदर्दी कम तो न हो जाएगी! मेरा बेटा था वह।’’
‘‘ओह? अच्छा। तो...?’’
‘‘अफ्रीकी-अमेरिकन से शादी की थी। मेरे साथ कॉलेज में थी। बहुत प्यार था हमारा। हमारे प्यार की संतान था वह!’’
निःशब्द थी मैं।
‘‘कैसे सहा होगा दोनों ने। एक मात्र संतान को इस तरह खो देना। एक बेकसूर, निर्दोष बच्चे का पुलिस के हाथों बलि चढ़ जाना!’’
‘‘अफसोस है मुझे। इतना कुछ घट गया आपके साथ, और आपकी पत्नी!
‘‘हाँ मेरी पत्नी!’’ उसने भरे गले से आह भरी। लगा अभी फूट पड़ेगा। उसे अपना दर्द सँभालना बेहद मुश्किल हो रहा था।
‘‘वह...वह...’’ और उससे आगे उसके मुख से कोई शब्द नहीं निकला। वह खामोश जमीन पर आँख गड़ाए बैठा रहा।
मेरी हिम्मत नहीं पड़ी कि उससे आगे कोई सवाल पूछूँ।
‘‘पगला गई थी वह!’’
—इसी संग्रह से
मानवीय संवेदना और सरोकारों से सराबोर ये पठनीय कहानियाँ पाठक के मन-मस्तिष्क को छू लेंगी।
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अनुक्रम
1. एक अधूरी कहानी — Pg. 9
2. सड़क की लय — Pg. 20
3. वे दोनों — Pg. 36
4. अवशेष — Pg. 54
5. गुनहगार — Pg. 69
6. उसकी माँ यानी कि ग्लोबल नियति — Pg. 79
7. बेपंख चिड़िया की एक उड़ान — Pg. 86
8. अवसान — Pg. 103
9. गुरुमाई — Pg. 113
10. संगीत पार्टी — Pg. 122
11. आसमान पर पाँव — Pg. 136
जन्म : फिरोजपुर (पंजाब) में।
शिक्षा : दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से बी.ए., एम.ए., एम.फिल तथा पंजाब विश्वविद्यालय से पी-एच.डी.।
समसामयिक हिंदी रंगमंच और हिंदी भाषा शिक्षण एवं अध्यापन पर शोध कार्य।
अमरीकी कौंसिल ऑन द टीचिंग ऑफ फॉरन लैंग्वेजेज के लिए टेस्टर व ट्रेनर; साथ ही उनकी तथा स्टारटॉक की ओर से हिंदी प्राध्यापकों के प्रशिक्षण के कार्य में जुटी है। हिंदी भाषा पाठन के क्षेत्र में प्रामाणिक पाठ्य सामग्री तैयार करने तथा हिंदी भाषा के मानकीकरण पर विशेष काम। भाषा संबंधी लेख सम्मानित पत्रिकाओं में प्रकाशित।
प्रकाशित पुस्तकें : 8 उपन्यास, 4 कहानी-संग्रह, एक-एक कविता तथा निबंध-संग्रह; ‘आत्मकथात्मक कृति’; ‘हिंदी नाट्य : प्रयोग के संदर्भ में’ (शोधग्रंथ) प्रकाशित। कहानियों और उपन्यासों के अनुवाद फ्रेंच, डच, अंग्रेजी, उर्दू, उडि़या, गुजराती, पंजाबी, तेलुगु आदि में।
भारतीय साहित्य अकादेमी तथा अक्षरम् द्वारा हिंदी में साहित्यिक योगदान के लिए सम्मान तथा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी, छात्र संस्था की ओर से 1994 में पुरस्कृत। कहानी ‘गुरुमाई’ 2010 में अभिव्यक्ति इंटरनेट द्वारा पुरस्कृत। भारत के राष्ट्रपति द्वारा 2012 का ‘पद्मभूषण सत्नारायण मोटूरि पुरस्कार’ प्रादत्त।
संप्रति : 1985 से कोलंबिया विश्वविद्यालय में अध्यापन।