Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Safalta Ka Khazana   

₹400

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Maulana Wahiduddin Khan
Features
  • ISBN : 9789353224165
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Maulana Wahiduddin Khan
  • 9789353224165
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2019
  • 216
  • Hard Cover

Description

पैगंबर साहब शांति व अहिंसा के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने शांति को सबसे बड़ी अच्छाई के रूप में स्थापित किया और इस बात पर बल दिया कि इसके लिए सभी प्रकार की नकारात्मक सोच को दूर करना तथा प्रत्येक व्यक्ति को अच्छे दोस्त के रूप में देखना आवश्यक है। यही इसलामी शिक्षा का सार है।
इसलाम शांति को सर्वोच्च स्थान देता है। मौलाना वहीदुद्दीन खान के ये लेख इसलाम की सच्चाई को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का उपक्रम हैं।
इस संसार में जहाँ संस्कृतियों, धर्मों तथा जातियों की बहुलता लोगों के जीवन को समृद्ध बनाती है, वहीं शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व ही जीवन का एकमात्र तरीका है। फिर भी, आज हम अपने आसपास जो कुछ देखते हैं, वह इसके एकदम विपरीत है। आत्ममंथन के अभाव के साथ ही धर्मों की गलत व्याख्या युवकों को गुमराह कर रही है।
जीवन के इन छोटे-छोटे अनुभवों के माध्यम से मौलाना वहीदुद्दीन खान एक सौहार्दपूर्ण व शांतिपूर्ण विश्व के निर्माण में योगदान कर रहे हैं, जो किसी भी समाज की सफलता के लिए सबसे अनिवार्य आवश्यकता है।
देश-समाज  के  प्रति  सरोकार रखनेवाले हर चिंतनशील व्यक्ति के लिए एक पठनीय पुस्तक।

____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम 42. रचनात्मक तरीका —Pgs. 100
प्रस्तावना —Pgs. 5 43. अभिवादन या जिम्मेदारी —Pgs. 101
बहु पत्नीवाद —Pgs. 21 44. डायरी साथ रखिए —Pgs. 102
प्राकृतिक कानून अर्थात् सबसे बड़ी कचहरी —Pgs. 22 45. प्रगति के अवसर —Pgs. 103
1. सबसे ज्यादा कामयाब —Pgs. 22 46. भविष्य को जानिए —Pgs. 104
2. प्रकृति से सामंजस्य —Pgs. 23 47. कामयाब फॉर्मूला —Pgs. 105
3. प्रशिक्षण का दौर —Pgs. 24 48. एक मिसाल —Pgs. 106
4. सही शिक्षा लीजिए —Pgs. 24 इसमें सबक है —Pgs. 108
5. लाभदायक बनें —Pgs. 25 सफलता का खुला खजाना —Pgs. 111
6. विनम्रता का स्वभाव —Pgs. 26 1. ज्ञान का महत्त्व —Pgs. 111
7. जीवन की दौड़ —Pgs. 27 2. मुहब्बत जगत् विजेता —Pgs. 112
8. हर तरफ शिक्षा —Pgs. 27 3. सूझ-बूझ —Pgs. 113
9. प्रकृति का इशारा —Pgs. 28 4. शाम के बाद सुबह —Pgs. 114
10. प्राकृतिक कानून —Pgs. 29 5. नादानी और अक्लमंदी —Pgs. 115
11. चैलेंज, न कि बदला —Pgs. 30 6. नाकामी नहीं —Pgs. 116
12. दूसरों की परवाह —Pgs. 31 7. अपने ऊपर विजय —Pgs. 117
13. रुत आए फल होय —Pgs. 32 8. व्यापारिक सूझ-बूझ —Pgs. 117
14. प्रकृति का पाठ —Pgs. 33 9. अनावश्यक टकराव —Pgs. 118
15. हकीकत का बयान —Pgs. 34 10. चेतना का परिष्कार —Pgs. 119
16. टॉलरेंस : प्रकृति का उसूल —Pgs. 34 11. उच्च मकसद —Pgs. 120
17. हिकमत का सवाल —Pgs. 35 12. दो प्रकार के आदमी  —Pgs. 121
18. हकीकतपसंदी —Pgs. 36 13. ज्ञान और क्रिया एक हो —Pgs. 122
19. मानव प्रकृति —Pgs. 37 14. एक कहावत —Pgs. 123
20. विरोध —Pgs. 38 15. सौ वर्ष —Pgs. 124
21. खामोशी —Pgs. 39 16. धैर्य को अपनाओ —Pgs. 125
22. बरबादी की शुरुआत —Pgs. 40 17. किसी का बुरा न चाहो —Pgs. 126
23. पौधे का उदाहरण —Pgs. 40 18. जीवन का मामला —Pgs. 127
24. नया सवेरा —Pgs. 41 19. यह मनुष्य —Pgs. 127
25. कमजोर निर्माण —Pgs. 42 20. दो तरीके —Pgs. 128
26. हार के बाद जीत —Pgs. 43 21. बदले का हासिल कुछ नहीं —Pgs. 129
27. अंत नहीं —Pgs. 44 22. उत्साह अमर धन —Pgs. 130
28. धैर्य बहादुरी है —Pgs. 45 23. बड़ा दिल —Pgs. 131
29. एक हकीकत —Pgs. 46 24. कल और आज —Pgs. 132
30. सुबह की प्रतीक्षा —Pgs. 47 25. अगला वाक्य —Pgs. 133
31. किताब की दुनिया —Pgs. 48 26. समस्याएँ और अवसर —Pgs. 133
32. शुरुआत और अंत —Pgs. 49 27. गिरकर उठना —Pgs. 134
33. भविष्य को देखिए —Pgs. 49 28. विलंब न कि नाकामी —Pgs. 135
34. परेशानियाँ सीढ़ी हैं —Pgs. 50 29. हार को स्वीकारना —Pgs. 136
35. अपनी पहचान —Pgs. 51 30. बूस्टर का रोल —Pgs. 137
36. दृढता —Pgs. 52 31. सूझ-बूझ का तरीका —Pgs. 138
37. दो प्रकार के मनुष्य —Pgs. 53 32. संचार स्थल —Pgs. 139
38. सबसे मुश्किल, सबसे आसान —Pgs. 54 33. सावधान रहिए —Pgs. 139
39. नुकसान में फायदा —Pgs. 55 34. कानून-अष्टक —Pgs. 140
40. राहें बंद नहीं —Pgs. 56 35. पानी के साथ तूफान —Pgs. 141
41. जीवन का संघर्ष —Pgs. 56 36. कामयाबी का अवसर  —Pgs. 142
42. सुरक्षित दूरी —Pgs. 57 37. दस कथन —Pgs. 143
43. संतुलन बनाए रखिए —Pgs. 58 38. कामयाबी : फिफ्टी-फिफ्टी का मामला —Pgs. 144
44. अधिकार के अनुसार —Pgs. 59 39. मुसलमान झूठे नेताओं से आजाद होना चाहते हैं —Pgs. 145
45. संपूर्ण विनाश —Pgs. 60 40. भारत के मुसलमानों को इस देश की व्यवस्था में रहना नहीं आता —Pgs. 146
46. नैतिक पतन —Pgs. 61 41. इसलाम क्या कहता है? —Pgs. 147
मुँह बोलती घटनाएँ और देखी-सुनी दुनिया —Pgs. 62 42. संतुलन रहे, तो दंगे टल सकते हैं —Pgs. 147
1. आपका परिचय —Pgs. 62 43. सांप्रदायिक दूरी —Pgs. 149
2. प्रगति का रहस्य —Pgs. 63 44. मुसलिम पत्रकारिता—फसाद का कारखाना —Pgs. 150
3. रिस्क लीजिए —Pgs. 64 45. मुसलमानों के दुश्मन की नेक सलाह  —Pgs. 151
4. शहर का निर्माण —Pgs. 65 46. अंग्रेजी मजहब का जहर अभी बाकी है —Pgs. 152
5. पच्चीस साल —Pgs. 66 47. पाशविक नैतिकता —Pgs. 154
6. मनुष्य की कहानी —Pgs. 67 48. कराची से भागलपुर तक दंगों की वजह —Pgs. 155
7. प्रगति की सीढ़ी —Pgs. 68 49. मुसलमानों के लिए एक बड़ा सबक —Pgs. 156
8. निराशा नहीं —Pgs. 69 50. गुमशुदगी —Pgs. 157
9. मुकाबले का महत्त्व —Pgs. 70 51. शक यकीन में बदला —Pgs. 157
10. कमजोर भी ताकतवर —Pgs. 70 52. भावभीनी विदाई —Pgs. 159
11. प्रतीक्षा का खाना —Pgs. 71 53. पाकिस्तानी हिंदुओं की गौरवशाली मिसाल —Pgs. 159
12. चयन की कसौटी —Pgs. 72 54. मजहबी दीवानगी से बचने का आसान उपाय  —Pgs. 161
13. सीखने का स्वभाव —Pgs. 73 55. बेबसी की झुँझलाहट —Pgs. 161
14. ऐतिहासिक मोड़ पर —Pgs. 74 56. मजहबी निशान की जिद —Pgs. 163
15. स्वयं की जिम्मेदारी —Pgs. 75 57. सिर्फ नाम का फर्क है, बात तो वही है —Pgs. 163
16. एक वैज्ञानिक —Pgs. 75 58. यह इसलाम नहीं —Pgs. 165
17. एकता या भीड़ —Pgs. 76 59. औरंगजेब को हराओ, ताकि इसलाम बचे —Pgs. 166
18. कामयाबी की शर्त —Pgs. 77 60. सर सैयद क्यों रोए थे —Pgs. 178
19. एक अंतर —Pgs. 78 61. कायदे-असगर जिन्ना की कमअक्ली का नतीजा —Pgs. 180
20. स्वाभाविक जीवन —Pgs. 79 62. तालमेल बुजदिली नहीं —Pgs. 182
21. आत्मविश्वास —Pgs. 80 63. ...लेकिन दूसरा दरवाजा तो खुला है —Pgs. 183
22. शराफत की ताकत —Pgs. 81 64. तरक्की का राज —Pgs. 184
23. भविष्य को जानें —Pgs. 82 65. जो अमेरिका में संभव है, यहाँ क्यों नहीं? —Pgs. 185
24. सुरक्षित जीवन —Pgs. 82 66. झगड़े की असली जड़ —Pgs. 186
25. अनदेखी शंकाएँ —Pgs. 83 67. हिंदुओं ने मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया —Pgs. 187
26. दूसरा चांस —Pgs. 84 68. हिंदू अयोध्या पर रुकें, मुसलमान अयोध्या भुला दें —Pgs. 193
27. अतीत और वर्तमान —Pgs. 85 69. तुलनात्मक अध्ययन करें —Pgs. 193
28. एक घटना  —Pgs. 86 70. वर्तमान घटनाक्रम अस्थायी है —Pgs. 194
29. सेवा में इज्जत —Pgs. 88 71. हिंदु-मुसलिम मिलकर रहें —Pgs. 195
30. जीत का रहस्य —Pgs. 89 72. मुसलमानों को हिंदुओं की देन —Pgs. 195
31. संतोष कीजिए —Pgs. 89 73. कश्मीर में इस समय आतंकवादियों का निजामे शैतान है —Pgs. 196
32. विमुखता का फायदा —Pgs. 90 74. हिंदुओं के अहंकार को मत जगाओ! —Pgs. 197
33. आत्महत्या की छलाँग —Pgs. 91 75. फैसला इसलाम विरोधी नहीं —Pgs. 199
34. एक दिन —Pgs. 92 76. इसलाम की कसौटी कुरान है, मुसलमान नहीं  —Pgs. 200
35. कमाल पैदा कीजिए —Pgs. 93 77. जो पड़ोसी को परेशान करे, वह मुसलमान नहीं —Pgs. 201
36. ईश्वर का कानून —Pgs. 94 78. हजरे अस्वद को चूमना बुतपरस्ती नहीं है —Pgs. 202
37. समस्याओं पर धैर्य रखें —Pgs. 95 79. लादेन का ‘जिहाद’ गैर-इसलामी —Pgs. 204
38. धैर्य का करिश्मा —Pgs. 96 80. वार्त्ता से हो सकती है दोनों की जीत —Pgs. 209
39. आग ठंडी हो गई —Pgs. 97 81. आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान मुसलिम समाज को हुआ —Pgs. 210
40. तीन मिनट —Pgs. 98 82. सबने कहा—संवाद और परस्पर सम्मान जरूरी —Pgs. 212
41. दो खबरें —Pgs. 99  

The Author

Maulana Wahiduddin Khan

मौलाना वहीदुद्दीन खान 
इसलामी आध्यात्मिक विद्वान् हैं। विश्वशांति के प्रति अपने योगदानों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात मौलाना वहीदुद्दीन खान पद्मभूषण, डेमियर्गस शांति पुरस्कार तथा राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से अलंकृत हो चुके हैं। वर्ल्ड्स 500 मोस्ट इन्फ्लुएंशियल मुसलिम्स ने उन्हें विश्व में इसलाम का आध्यात्मिक दूत बताया। वर्ष 2015 में उन्हें आजीवन शांति के प्रति योगदान के लिए अबू धाबी में ‘सय्यदीना इमाम अल हसन इब्ने अली शांति पुरस्कार’ से नवाजा गया।

रामिश सिद्दीकी
मौलाना वहीदुद्दीन खान के नाती हैं। वे एक  वकील  हैं, जिन्होंने  प्रबंधन  में स्नातकोत्तर भी किया है। वे विभिन्न राष्ट्रीय समाचार-पत्रों में नियमित रूप से लिखते हैं और उनके साक्षात्कार अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। समसामयिक विषयों पर केंद्रित उनके लेखन का उद्देश्य दुनिया के सामने इसलाम की वास्तविकता को रखना है। 
वे ‘फोरम फौर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ के अध्यक्ष हैं तथा दुनिया भर में अंतर-धार्मिक सेमिनारों व सम्मेलनों में नियमित रूप से हिस्सा लेते हैं।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW