टाटा समूह भारत के सबसे बड़े उद्योग समूहों में एक है। इस उद्योग समूह में अपने कार्यकाल के दौरान जे.आर.डी. टाटा ने देश के आर्थिक और सामाजिक जीवन पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ढेरों पत्र लिखे, जिनमें से चुने हुए 175 पत्रों का संग्रह इस पुस्तक में है। ये पत्र जे.आर.डी. के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं, विभिन्न लोगों के साथ उनके संबंधों, विभिन्न विषयों पर उनके दृष्टिकोण, एक आदर्श भारतीय नागरिक के रूप में उनकी चिंताओं, उनके जीवन-मूल्यों और व्यक्तिगत रुचियों की जानकारी देते हैं।
इनमें जे.आर.डी. द्वारा अपने क्षेत्र के विशिष्ट एवं प्रसिद्ध व्यक्तियों को तथा उन व्यक्तियों द्वारा जे.आर.डी. को लिखे गए पत्र हैं; जिनमें महात्मा गांधी, पं. जवाहरलाल नेहरू, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, सरदार वल्लभभाई पटेल, हेनरी किसिंजर, घनश्याम दास बिड़ला, श्रीराम, डेविड रॉकफेलर, यहूदी मेनुहिन, लुई फिशर, चेस्टर बाउल्स, नेविल विंसेंट, होमी जे. भाभा, जॉन मथाई, के.एम. करियप्पा, आचार्य विनोबा भावे, हुमायूँ कबीर, रफी अहमद किदवई, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, जयप्रकाश नारायण और आर. वेंकटरमण आदि प्रमुख हैं।
जन्म : 29 जुलाई, 1904 को पेरिस में।
सन् 1909 में बंबई के कैथेड्रल स्कूल में शिक्षा प्रारंभ। 1923 में एक वर्ष तक इंग्लैंड के ‘क्रैमर’ स्कूल में शिक्षा प्राप्त की।
टाटा समूह में निदेशक (1926) तथा टाटा संस के अध्यक्ष नियुक्त (1938)। एयर इंडिया इंटरनेशनल के अध्यक्ष रहे।
सम्मान : नेशनल एसोसिएशन ऑफ फोरमेन, मिलावॉकी द्वारा ‘इंटरनेशनल मैनेजमेंट मैन’ चुने गए; फ्रांस सरकार द्वारा ‘ऑफीसर ऑफ द लेजन ऑफ ऑनर’ नामित; भारत सरकार द्वारा ‘पद्म विभूषण’ सम्मान; ऑर्डर ऑफ सेंट ग्रेगरी द ग्रेट की ‘नाइट कमांडर’ की उपाधि (पोप सम्मान); भारतीय वायुसेना में मानद एयर कमांडर तथा मानद एयर वाइस मार्शल बनाए गए; जर्मनी के ‘नाइट कमांडर्स क्रॉस ऑफ ऑर्डर’ से सम्मानित; बंबई विश्वविद्यालय द्वारा ‘डॉक्टर ऑफ लॉ’ की मानद उपाधि। इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन से ‘एडवर्ड वार्नर अवार्ड’ प्राप्त; ‘डेनियल गगेनहेम मेडल’, ‘दादाभाई नौरोजी स्मृति सम्मान’ तथा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित (1992)।
निधन : 29 नवंबर, 1993 को जिनेवा में।