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व्यापार और कारोबार करना एक दुष्कर कार्य है। सफल कारोबारी बनने के लिए न केवल पूँजी चाहिए, वरन् नेतृत्वकौशल, निर्णय-क्षमता, प्रोडक्ट की गुणवत्ता के लिए सतत प्रयास, इनोवेशन, ग्राहकों के प्रति उत्तरदायित्व, कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी भाव आदि अनेक गुणों को भंडार चाहिए। पर सबसे अधिक आवश्यक है धैर्य और सब्र, क्योंकि किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में यही कारोबार की नाव पार लगाते हैं।
ऐसी आदर्श स्थिति के भी कुछ अपवाद होते हैं, जो अधीर होने के बावजूद अमीर हो गए। यहाँ संकलित हैं, ऐसे ही कुछ कारोबारियों की सफलता की प्रेरक कहानियाँ।
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अनुक्रम
भूमिका—7
1. एकाधिकारवादी दिग्गजों का नीति-शास्त्र—13
2. वि व व्यवसाय के गुमनाम अग्रदूत—46
3. किंवदंतियाँ बन चुके चंद पुराने व्यतित्व—72
4. कारोबारी कार्यकारियों के स्वप्न-नायक—105
5. कंप्यूटर व पूँजी बाजार के जादुई रास्ते —151
वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप ठाकुर को भारत के प्रमुख मीडिया समूहों (दिल्ली प्रेस, अमर उजाला व दैनिक जागरण) में विभिन्न संपादकीय पदों पर काम करने और विविध विषयों पर लिखने व विश्लेषण प्रस्तुत करने का दो दशक से भी अधिक समय का अनुभव प्राप्त है। उनकी अंग्रेजी में प्रकाशित कृतियाँ हैं : ‘टाटा नैनो : द पीपल्स कार’, ‘कैरीइंग धीरूभाई’, ‘विजन फॉरवर्ड : मुकेश अंबानी’, ‘द शाइनिंग स्टार ऑफ अमेरिका एंड द वर्ल्ड : बराक ओबामा’, ‘द किंग ऑफ स्टील : लक्ष्मी एन. मित्तल’, ‘अन्ना हजारे : द फेस ऑफ इंडिया अगेंस्ट करप्शन’, ‘एंजेलीना
जोली : इज शी द मोस्ट पॉवरफुल सेलिब्रिटी’ और ‘टाइगर इन द वुड्स : द स्टोरी ऑफ नं. 1 स्पोर्ट्स-ब्रांड टाइगर वुड्स’।