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"प्राचीन भारत में उन महान् ऋषियों का अनूठा इतिहास समाया हुआ है, जिन्होंने भगवा वस्त्र पहनकर, माथे पर तिलक लगाकर, गले में रुद्राक्ष की माला और शरीर पर जनेऊ धारण करके भारत की पवित्र नदियों के तट पर विभिन्न विषयों पर अमर हो जाने वाले ग्रंथों की रचना की है, जैसे- भौतिकी, रसायन, खगोल शास्त्र, गणित, अभियांत्रिकी और दर्शनशास्त्र। ये सभी ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए, जिनमें मानवता की प्रथम रचित पुस्तक ऋग्वेद भी लिखी गई है। इसी ज्ञान का अनुसरण करते हुए भारतीय ऋषियों ने ऐसे शास्त्रों का निर्माण किया, जिनमें मानव की हर एक कल्पनीय दिशा, दशा एवं गतिविधि पर ज्ञान समाहित है।
आधुनिक भारत की युवा पीढ़ी में प्रामाणिक जानकारी के आधार पर हमारे पूर्वजों की उपलब्धियों के बारे में जागरूकता पैदा करना बहुत आवश्यक है। यह पुस्तक गणित, विज्ञान, खगोल विज्ञान, चिकित्सा आदि सभी नवाचारों, आविष्कारों, सिद्धांतों, न्यायशास्त्र के क्षेत्र में हिंदू योगदानों का प्रतिबिंब है। परिकल्पना, वैज्ञानिक सिद्धांत, प्रमेय जो उनसे संबंधित हैं, को जिम्मेदार ठहराते हुए इस पुस्तक में सभी हिंदू विश्वकोशों को प्रासंगिक तिथियों और सूत्रों के साथ उपलब्ध कराने का सप्रयास किया गया है। इस पुस्तक के द्वारा उन सभी महान् हिंदू ऋषियों और संतों से परिचित कराने का प्रयास किया गया है, जिन्हें आधुनिक भाषा में वैज्ञानिक, नवप्रवर्तक और शोधकर्ता के रूप में जाना जाता है।"