₹300
नारी मन की विभिन्न परतों को उजागर करती एक आधुनिक नारी की जीवनयात्रा कथा, जो अपने कठिन संघर्ष एवं समरस सोच के माध्यम से अंततः अपना सामाजिक एवं भावनात्मक पड़ाव पा ही लेती है।
कथा शुरू होती है तीन शब्दों से—काम, काम और काम...और विराम लेती है इन्हीं तीन शब्दों पर काम, काम और काम। लेकिन अंतर है इस आदि और अंत में। अंतर क्या है, क्यों है?
इसका उत्तर ढूँढ़ने के लिए अनिता से मिलना जरूरी है।
________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
अनुक्रम
1. चुंबक काला ही होता है मैडम! —Pgs 9
2. चाय, चीनी और वह —Pgs 14
3. चाय ठंडी हो गई —Pgs 17
4. गुड़ की डली —Pgs 19
5. प्रेम एक नैपकिन भर —Pgs 22
6. चॉकलेट मुट्ठी में —Pgs —Pgs 32
7. सहेजी हुई चिट्ठियाँ —Pgs 39
8. निष्कर्षहीन सीरियल —Pgs 49
9. पतंग उड़ाने की कोशिश —Pgs 57
10. पीछा करेंगे ये किस्से —Pgs 64
11. अ स्मार्ट फाइल... 74
12. एस्ट्रेला शांत हो गई —Pgs 81
13. नष्ट नीड़ —Pgs 89
14. प्रायश्चित्त —Pgs 105
15. अंतहीन बहस —Pgs 109
16. नाखून के निशान —Pgs 124
17. जरूरत है, अब कुछ बोलने की... 128
18. झाग, झाग और झाग! —Pgs 135
19. तब मेरे पास इतने फूल नहीं थे... 147
20. धुंध छँटती है! —Pgs 155
आयु 72 वर्ष, जन्म बलिया (उत्तर प्रदेश) में, पैतृक आवास एवं शहर—पटना।
शिक्षा : प्रारंभिक शिक्षा हवेली खड़गपुर (मुंगेर), विज्ञान में स्नातक (संत कोलंबस, हजारीबाग) पटना विश्वविद्यालय से बी.एल. प्रथम श्रेणी में प्रथम।
कृतित्व : झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त। स्कूली समय से ही लेखन, पहली कविता का प्रकाशन स्व. राधिका रमण सिंह के द्वारा संपादित ‘नई धारा’ में (1957)। ‘मुक्ता’, ‘चित्रेतना’ एवं तत्कालीन पत्रिकाओं में कविताओं एवं कहानियों का प्रकाशन। ‘साप्ताहिक हिंदुस्तान’ के 1967 के अंतरराष्ट्रीय कथा विशेषांक में एक कथा को स्थान। आकाशवाणी से समय-समय पर कहानियों, लेखों का प्रसारण।
रचना-संसार : ‘एक जटायु और’ (प्रथम कहानी-संग्रह), ‘कौआ’ (कहानी-संग्रह), ‘धूसरित’ (एक न्यायिक जीवनी), ‘जस्टिस वर्सस जुडीशियरी’ (अंग्रेजी में), ‘अंडांटेड’ (निर्भया) अमेरिका से प्रकाशित एक अंग्रेजी उपन्यास।
शीघ्र-प्रकाश्य : ‘अनिता, चाय पीओगी’ (उपन्यास)।
संप्रति : झारखंड सरकार द्वारा गठित कई आयोगों के अध्यक्ष एवं लेखन।
संपर्क : 4 सी, नीलकंठ अपार्टमेंट, टैगोर हिल रोड, मोराबादी, राँची-08।